भारतीय रेलवे ने इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) को सभी मोबाइल कैटरिंग सेवाओं यानी सचल खानपान सेवा देने वालों का कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल करने का निर्देश दिया है.
भारतीय रेलवे ने सोमवार को दी गई एक जानकारी में कहा है, 'IRCTC को सभी मौजूदा मोबाइल कैटरिंग कॉन्ट्रैक्ट ( जो अभी निलंबित थे) को रद्द करने को कहा गया है.'
क्या कहा रेलवे ने
असल में कोरोना संकट के बाद अब रेडी टु ईट खानपान पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है. रेलवे ने कहा, 'IRCTC से कहा गया है कि इसे कोरोना महामारी से उपजे असाधारण हालत की तरह देखें न कि ठेकेदारों की किसी गलती के रूप में, इसलिए किसी कॉन्ट्रैक्टर पर किसी तरह का जुर्माना न लगाया जाए और उनका सिक्योरिटी डिपॉजिट एवं एडवांस लाइसेंस फीस पूरी तरह से वापस कर दी जाए.
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बाद भारतीय रेलवे ने रेलवे ट्रैफिक और इससे जुड़ी सभी सेवाओं पर रोक लगा दी थी. लेकिन जब धीरे-धीरे स्पेशल ट्रेनें चलनी शुरू हुईं तो इनमें खाने-पीने का सामान बेचने की इजाजत सिर्फ IRCTC को दी गई.
हाईकोर्ट का निर्देश
भारतीय रेलवे मोबाइल कैटरर्स एसोसिएशन (IRMCA) ने सभी सचल ईकाइयों को उसी तरह से रेगुलर कॉन्ट्रैक्ट के तहत सेवाएं शुरू करने की इजाजत देने का अनुरोध किया था, जैसे कि प्लेटफॉर्म की दुकानों की लाइसेंस फीस घटा दी गई है. मद्रास हाईकोर्ट ने भी इस पर विचार करने को कहा था. आईआरएमसीए की सेवा मार्च 2020 में घोषित हुए लॉकडाउन के बाद से बंद है.
IRMCA के लोग ट्रेनों में सिर्फ रेडी टु ईट खाना बेचने को तैयार थे. 11 फरवरी को अधिकारियों के साथ हुई बैठक में IRMCA ने एक बार फिर यह अनुरोध किया था कि उनके लोगों को काम शुरू करने की इजाजत दी जाए.
नए शॉर्ट टर्म के कॉन्ट्रैक्ट
लेकिन रेलवे ने कहा, 'रेडी टु ईट सेवा के लिए अलग तरह के काम की गुंजाइश होती है, जिसके लिए आईआरसीटीसी ने टेंडरिंग प्रक्रिया के द्वारा करने का सही निर्णय लिया है. यह अलग तरह का काम है, इसलिए पुराने कॉन्ट्रैक्टर्स को ट्रेनों में इस तरह के काम की इजाजत नहीं दी जा सकती.'
(www.businesstoday.in के इनपुट पर आधारित)