scorecardresearch
 

इतना क्यों गिर रहा है शेयर बाजार? आपका भी यही सवाल.. ये तीन बड़े कारण

आंकड़ों के देखें को चंद हफ्ते की गिरावट में सेंसेक्स करीब 6000 अंक टूट चुका है, जबकि निफ्टी करीब 1900 अंक साफ हो चुका है. ऐसे में, निवेशकों का धैर्य में जवाब दे रहा है. इस दौरान सबसे ज्यादा मिडकैप और स्मॉल कैप शेयरों की पिटाई हुई है.

Advertisement
X
Stock Market Big Fall
Stock Market Big Fall

इतना क्यों गिर रहा है शेयर बाजार? अब लगभग हर छोटे-बड़े निवेशक के मन यही सवाल उठ रहा है, क्योंकि पिछले 3 से 4 वर्षों के दौरान रिटेल निवेशकों को इस तरह की गिरावट से सामान नहीं हुआ था. आंकड़ों के लिहाज कोविड काल के बाद अक्टूबर-2024 यानी मौजूदा महीना शेयर बाजार के लिए सबसे खराब साबित हुआ है. ऐसे में निवेशकों का घबराना स्वाभाविक है. 

Advertisement

दरअसल, निवेशकों को अब हर एक दिन भारी पड़ रहा है, क्योंकि उम्मीद यही रहती है कि अब गिरावट थमेगी, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है, गिरावट का सिलसिला जारी है. गुरुवार को भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला Sensex शुरुआत में 135 अंक उछला, लेकिन कुछ ही देर में फिसल गया. दोपहर ढाई बजे सेंसेक्स 80 अंक गिरकर 80000 के आसपास कारोबार कर रहा था. वहीं निफ्टी (Nifty) 54 अंक गिरकर 24380 के आसपास ट्रेड कर रहा है. 

आंकड़ों के देखें को चंद हफ्ते की गिरावट में सेंसेक्स करीब 6000 अंक टूट चुका है, जबकि निफ्टी करीब 1900 अंक साफ हो चुका है. ऐसे में, निवेशकों का धैर्य में जवाब दे रहा है. इस दौरान सबसे ज्यादा मिडकैप और स्मॉल कैप शेयरों की पिटाई हुई है. तमाम चर्चित शेयर अपने हाई से 40 से 50 फीसदी तक नीचे आ गए हैं. उदाहरण देखें तो OLA Electric के शेयर गिरकर 80 रुपये पर आ गया है, जबकि इसका ऑल टाइम हाई 156 रुपये है. NHPC के शेयर करीब 35%, BEML के शेयर 35 फीसदी, वोडा-आइडिया के शेयर 50 फीसदी से ज्यादा गिर चुके हैं.

Advertisement

अब सवाल उठता है कि आखिर में बाजार इस तरह से क्यों गिर रहा है, और कहां जाकर सपोर्ट ले सकता है. जानकारों की मानें तो बाजार में इस बड़ी गिरावट के पीछे मुख्य तौर पर तीन कारण है, इसमें सबसे बड़ा कारण दूसरी तिमाही के नतीजे हैं.

पहला कारण- उम्मीद के मुताबिक दूसरी तिमाही के नतीजे नहीं आने की वजह से वैसे शेयरों की जमकर पिटाई हो रही है, जो कमजोर नतीजे पेश कर रहे हैं. जिससे शेयर बाजार का सेंटीमेंट लगातार बिगड़ते जा रहा है. खासकर ऑटो सेक्टर, FMCG और कुछ टेक कंपनियों के रिजल्ट ने बाजार को तगड़ा झटका दिया है. 

दूसरा कारण- विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं, जबकि उस अनुपात घरेलू निवेशक खरीदारी नहीं कर रहे हैं, कुछ महीने पहले तक ऐसा होता था कि जब भी FII की तरफ से बिकवाली होती थी, तो घरेलू निवेश की तरह से बड़ी खरीदारी देखने को मिल जाती थी. लेकिन इस बार वैसा नहीं हो रहा है. पिछले एक महीने में FII भारतीय बाजार से करीब 1 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं.

दरअसल, चीन में लगातार आर्थिक पैकेज की घोषणा होने से कुछ विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसे निकालकर चीन की तरह रुख कर रहे हैं, जिससे बाजार में गिरावट हावी हो रहा है.

Advertisement

तीसरा कारण: पिछले एक-डेढ़ साल में फंडामेंटली स्टॉक्स में अच्छी-खासी तेजी देखने को मिली, लेकिन भीड़ में कुछ ऐसे शेयर भी खूब भागे, जिसके बढ़ने के कोई खास कारण नहीं थे. खासकर सरकारी कंपनियां के शेयर, रेलवे शेयर, न्यू टेक्नोलॉजी कंपनियों के शेयर और सरकारी बैंकों के शेयरों में खूब तेजी देखने को मिली थी. जो कि ग्रोथ के मुकाबले काफी ज्यादा था. खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में कुछ शेयर बेतहाशा भागे थे, अब ऐसे शेयरों की खूब पिटाई हो रही है. खासकर महंगे वैल्यूवेशन वाले शेयरों में बिकवाली हावी है, और ऐसे शेयर अपने हाई 50 फीसदी तक टूट चुके हैं.

कहां थम सकती है गिरावट? जानकारों की मानें बाजार बिकवाली जोन में है, निफ्टी पहला सपोर्ट 24000 अंक पर है, उसके बाद मजबूत सपोर्ट 23800 अंक पर है, जहां से बाजार का मूड बदल सकता है.

(नोट: शेयर बाजार में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार मदद जरूर लें)   
   

Live TV

Advertisement
Advertisement