भारत के सबसे महंगे शेयर MRF में अचानक तेजी देखी जा रही है. पिछले दो दिन में ये स्टॉक 7 फीसदी से ज्यादा भाग चुका है. फिलहाल एक शेयर की कीमत 94,875 रुपये है, यह शेयर अपने ऑल टाइम हाई के बिल्कुल करीब पहुंच गया है.
दरअसल चौथी तिमाही में MRF कंपनी ने शानदार नतीजे पेश किए हैं. FY23 की मार्च तिमाही में MRF का स्टैंडअलोन प्रॉफिट 162 फीसदी बढ़कर 410.66 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इस दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस मजबूत हुआ है. वहीं कंपनी का ऑपरेशन से होने वाला स्टैंडअलोन रेवेन्यू सालाना आधार पर 10 फीसदी बढ़कर 5,725.4 करोड़ रुपये हो गया है. कंपनी ने 169 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड का ऐलान किया है.
तिमाही नतीजे दमदार
बता दें, इस कंपनी के एक शेयर को खरीदने के लिए आपको करीब एक लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे. दरअसल, बुधवार को MRF Ltd के शेयर में करीब डेढ़ फीसदी की तेजी दर्ज की गई. इससे पहले मंगलवार को 5 फीसदी की तेजी देखी गई थी. फिलहाल एक शेयर की कीमत 95000 रुपये के करीब है, यानी शतक लगाने की तैयारी में है.
इस शेयर का 52 वीक हाई 96000 रुपये है, जबकि इस दौरान शेयर ने 65878 रुपये का लो बनाया था. शेयर ने पिछले एक महीने में 13 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं एक साल में शानदार 33 फीसदी रैली देखी गई है. लंबी अवधि में MRF के शेयर ने निवेशकों को मालामाल किया है. 20 साल में 5000% से ज्यादा का रिटर्न दिया है. ये शेयर आज से ठीक 20 साल पहले यानी 2 मई 2003 को 1100 रुपये का था, जो अब बढ़कर 95000 रुपये तक पहुंच गया है.
रिटर्न देने में शेयर पीछे नहीं
बता दें, अधिकतर निवेशक चाहकर भी नहीं MRF के शेयर नहीं खरीद पाते हैं. लेकिन रिटर्न देने में यह महंगा शेयर किसी से पीछे नहीं है. हालांकि अधिकतर रिटेल निवेशक शेयर बाजार से पैसे नहीं बना पाते हैं. क्योंकि वो सस्ते शेयर के चक्कर में Penny Stocks की जाल में फंस जाते हैं.
क्यों इतने महंगे हैं MRF के शेयर?
MRF आज भारतीय स्टॉक मार्केट का सबसे महंगा शेयर है और इसमें निवेश करना हर किसी के बस की बात नहीं. 27 अप्रैल 1993 को MRF के एक शेयर की कीमत 11 रुपये थी. अब आपके मन में भी ये सवाल आ रहा होगा कि निवेशकों को करोड़पति बनाने वाले MRF के शेयर की कीमत इतनी ज्यादा क्यों हैं? इसके पीछे की वजह है- शेयरों को स्प्लिट (Stock Split) ना करना. एंजल वन के मुताबिक 1975 के बाद से ही MRF ने अभी तक अपने शेयरों को कभी स्प्लिट नहीं किया है. इसके पहले साल 1970 में 1:2 और 1975 में 3:10 के अनुपात में MRF ने बोनस शेयर इशू किये थे.
क्या होता है शेयर के स्प्लिट होने का मतलब
जब शेयर की कीमत ज्यादा होती है तो रिटेल निवेशक उसमें निवेश से कतराते हैं. ऐसे में कंपनी शेयर को स्प्लिट कर देती है. मान लीजिए कि किसी कंपनी के एक शेयर की कीमत 1000 रुपये है और मार्केट में उस कंपनी के कुल एक लाख शेयर हैं. अब कंपनी ने शेयर को स्प्लिट करके कुल दो लाख शेयर बना दिए तो इससे एक शेयर की कीमत घटकर 500 रुपये हो जाएगी. कीमत घटने से निवेशक पैसे लगा पाते हैं.
क्या है MRF का बिजनेस
MRF का पूरा नाम मद्रास रबर फैक्ट्री है. इसकी शुरुआत 1946 में टॉय बैलून बनाने से हुई थी. 1960 के बाद से इन्होंने टायर बनाना शुरू कर दिया. अब यह कंपनी भारत में टायर की सबसे बड़ी निर्माता है. भारत में टायर इंडस्ट्री का मार्केट करीब 60000 करोड़ रुपये का है. JK Tyre, CEAT Tyre इत्यादि MRF की कॉम्पिटिटर हैं.MRF के भारत में 2500 से अधिक वितरक हैं और कंपनी दुनिया के 75 से अधिक देशों में एक्सपोर्ट करती है.
(नोट: शेयर बाजार में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)