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कोविड वैक्सीन नहीं तो टर्म इंश्योरेंस नहीं! कई बीमा कंपनियों ने की सख्ती 

कई कंपनियों ने अब टर्म इंश्योरेंस के​ लिए वैक्सीनेशन की शर्त रख दी है. यानी जिन लोगों ने कोविड वैक्सीन लगवाई है, उन्हीं को टर्म इंश्योरेंस मिलेगा. 

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पॉलिसी देने में सख्ती
पॉलिसी देने में सख्ती
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बचाव का महत्वपूर्ण हथियार है वैक्सीन
  • बीमा कंपनियों ने रखी शर्त, बदले नियम

कोविड काल में बीमा कंपनियां अब इंश्योरेंस पॉलिसी जारी करने में काफी सख्त रवैया अपना रही हैं. खबर यह है कि कई कंपनियों ने अब टर्म इंश्योरेंस के​ लिए वैक्सीनेशन की शर्त रख दी है. यानी जिन लोगों ने कोविड वैक्सीन लगवाई है, उन्हीं को टर्म इंश्योरेंस मिलेगा. 

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इसके पहले भी बीमा कंपनियों ने कोविड मरीजों को टर्म पॉलिसी देने में सख्ती दिखाई थी. कंपनियां कोविड पेशेंट के रिकवर होने के बाद कम से कम तीन महीने के गैप के बाद ही पॉलिसी देना स्वीकार कर रही हैं. इस बार में भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) की राय अभी सामने नहीं आई है. 

टीका लगवाने की शर्त 

इकोनॉमिक टाइम्स की एक खबर के अनुसार, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी 45 साल के ऊपर के सिर्फ उन्हीं लोगों को टर्म पॉलिसी दे रही है, जिन्होंने कोविड वैक्सीन का दोनों डोज लगवा लिया हो. इसी तरह टाटा AIA हर आयु वर्ग के सिर्फ उन्हीं लोगों को टर्म पॉलिसी जारी कर रही है, जिन्होंने कोविड वैक्सीन का कम से कम पहला डोज लगवा लिया हो. 

टाटा AIA के एक प्रवक्ता ने अखबार को बताया, 'अपने पॉलिसीधारकों को उच्च स्तर की वित्तीय सुरक्षा मुहैया करने के लिए, हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हर समय उनके हितों की रक्षा हो.'

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नये नियम-कायदे 

गौरतलब है कि इसके पहले भी टर्म पॉलिसी देने के लिए बीमा कंपनियों ने काफी सख्ती दिखाई थी. लाइफ इंश्‍योरेंस कंपनियों के नए नियमों के मुताबिक, होम आइसोलेशन के जरिए भी आप कोविड-19 नेगेटिव होते हैं, तो 3 महीने तक किसी भी इंश्योरेंस कंपनी से टर्म इंश्योरेंस प्लान नहीं खरीद सकते हैं. इसके अलावा, टेलीमेडिकल की जगह अब टर्म इंश्योरेंस के लिए कंपनियां संपूर्ण मेडिकल टेस्ट पर ही जोर दे रही हैं. 

 

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