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छोटी बचत पर राहत की सांस, नहीं घटेंगी Small Saving Schemes पर ब्याज दरें

अभी 12 महीने के फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) पर 5.5 फीसदी, 5 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट पर 6.7 फीसदी, राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) पर 6.8 फीसदी, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर 7.1 फीसदी, वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत योजना पर 7.4 फीसदी और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) पर 7.6 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है.

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नहीं कम हुआ ब्याज
नहीं कम हुआ ब्याज
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महंगाई की मार के बीच लोगों को राहत
  • कई स्थानों पर शतक लगा चुके डीजल-पेट्रोल

सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana), राष्ट्रीय बचत पत्र (National Saving Certificate) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) जैसी छोटी बचत योजनाओं (Small Saving Schemes) पर ब्याज दर (Interest Rate) को इस बार भी नहीं घटाया गया. लंबे समय से लोगों की पसंदीदा इन बचत योजनाओं के ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

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वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन में ये कहा

स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों पर वित्त मंत्रालय व्यापक परामर्श के बाद निर्णय लेता है. आम लोगों पर डाइरेक्ट असर डालने वाले इस फैसले के बारे में बाद में मंत्रालय नोटिफिकेशन जारी करता है. मंत्रालय ने ताजा नोटिफिकेशन में कहा, '01 अप्रैल 2022 से 30 जून 2022 तक नए वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए विभिन्न स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स पर ब्याज की दरें उसी स्तर पर स्थिर रहेंगी, जहां पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में थीं.'

छोटी बचत योजनाओं पर इतना है ब्याज
2 साल से ज्यादा समय से सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. अभी 12 महीने के फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) पर 5.5 फीसदी, 5 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट पर 6.7 फीसदी, राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) पर 6.8 फीसदी, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर 7.1 फीसदी, वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत योजना पर 7.4 फीसदी और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) पर 7.6 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है.

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हाल ही में घटा था पीएफ का ब्याज
इससे पहले हाल ही में ईपीएफओ (EPFO) ने पीएफ पर मिलने वाले ब्याज (Interest Rate On PF) को कम करने का ऐलान किया था. ईपीएफओ पहले 8.5 फीसदी की दर से ब्याज दे रहा था. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इस ब्याज दर को घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया गया था. इस पर जब संसद में हंगामा हुआ, तब सरकार ने साफ कहा था कि जब लोन पर ब्याज दरें कम होंगी, तो डिपॉजिट पर भी स्वाभावित तौर पर कम ब्याज मिलेगा. इसके चलते माना जा रहा था कि पीएफ के बाद अब स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों पर कैंची चलने वाली है.

पहले से महंगाई तोड़ रही आम लोगों की कमर
सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर को ऐसे समय स्थिर रखा है, जब डीजल-पेट्रोल फिर से नया रिकॉर्ड बनाने की ओर बढ़ रहे हैं. तीन महीने से ज्यादा समय तक डीजल-पेट्रोल के दाम स्थिर रखे जाने के बाद पिछले 10 दिनों में इन्हें लगातार बढ़ाया गया है. इन 10 में से 9 दिन डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़े हैं. इनके भाव महज 10 दिन में 6.40 रुपये प्रति लीटर बढ़ चुके हैं. पेट्रोल की कीमतें पहले ही कई शहरों में 100 रुपये के पार थी. अब राजधानी दिल्ली में भी पेट्रोल शतक लगा चुका है और आज की बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में इसका भाव 101.81 रुपये प्रति लीटर हो चुका है.

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पिछले साल हुआ था ये बवाल
वित्त मंत्रालय ने 30 मार्च 2021 को एक सर्कुलर जारी कर बताया था कि छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को कम करने का फैसला लिया गया है. हालांकि इसे 12 घंटे के भीतर वापस ले लिया गया था और फिर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने सफाई देते हुए कहा था कि सर्कुलर गलती से जारी हो गया.लोगों ने 12 घंटे के भीतर सरकार के पलटने की घटना को चुनावों से जोड़ा था. तब अप्रैल में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले थे.

 

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