अभी हम अपने स्मार्टफोन में डिजिटल लॉकर में ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन का पंजीकरण प्रमाणपत्र और पासपोर्ट इत्यादि डिजिटल रूप में रख सकते हैं. जल्द ही डिजिटल बीमा पॉलिसी भी एक हकीकत बन सकती है. जानिए बीमा नियामक IRDAI ने क्या कहा बीमा कंपनियों से...
जारी करें डिजिटल बीमा पॉलिसी
IRDAI ने सभी बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वह बीमा पॉलिसी धारकों को डिजिटल पॉलिसियां जारी करें. साथ ही कंपनियां ये भी बताएं कि इसका उपयोग कैसे करना है.
सभी बीमा कंपनियां मानें नियम
IRDAI का ये निर्देश सिर्फ जीवन बीमा कंपनियों के लिए नहीं बल्कि हर तरह की बीमा कंपनियों के लिए है. सिवाय लॉयड्स् इंडिया, जीआईसी रीइंश्योरेंस और विदेशी री-इंश्योरेंस ब्रांचेस को इस नियम से छूट दी गई है.
डिजिलॉकर से घटेगी लागत
IRDAI का कहना है कि डिजिलॉकर पर बीमा पॉलिसियां जारी करने से सभी बीमा कंपनियों की लागत में कमी आएगी. साथ ही ग्राहकों के पॉलिसी दस्तावेज की डिलिवरी ना होने की शिकायतों में कमी आएगी.
बेहतर सेवाएं, तेज क्लेम सेटलमेंट
डिजिलॉकर पर पॉलिसियां उपलब्ध कराने से बीमा सेवाएं बेहतर होगी. बीमा क्लेम भी तेज होगा और विवादों में कमी आएगी. इतना ही नहीं ग्राहक के साथ त्वरित संपर्क और धोखाधड़ी को रोकने में भी इससे मदद मिलेगी.
कंपनियां करें तकनीकी तैयारी
IRDAI ने बीमा कंपनियों से कहा है कि इसके लिए वह अपनी तकनीकी तैयारियां तेज करें. अपने आईटी सिस्टम को डिजिलॉकर की सुविधा के साथ संपर्क साधने के काबिल बनाएं ताकि ग्राहक डिजिलॉकर पर अपने पॉलिसी दस्तावेज हासिल कर सकें.
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