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EPFO की वेबसाइट का बुरा हाल, अधिकारियों ने कहा- 'सिस्टम पुराना, ढंग से नहीं चलता, कैसे निपटाएं काम'

पीएफ अधिकारियों का कहना है कि आईटी सिस्टम और सॉफ्टवेयर पुराने हो चुके हैं, EPFO के पास सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सर्वर नहीं हैं. सरकार से आईटी सिस्टम और इंफ्रास्ट्रक्चर को हाईटेक करने की मांग की गई है.

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EPFO में आईटी संबंधी दिक्कतें
EPFO में आईटी संबंधी दिक्कतें

PF अकाउंट से लोग मजबूरी में पैसे निकालते हैं. लेकिन अगर तकनीकी खामियों की वजह से अप्लीकेशन को खारिज कर दिया जाए, तो फिर ईपीएफओ खाताधारक को परेशान होना लाजिमी है. फिलहाल कुछ इसी तरह के मामले सामने आ रहे हैं. दरअसल, अधिकतर लोग बेरोजगारी की स्थिति में PF से फंड निकालते हैं. इसके अलावा मेडिकल इमरजेंसी, शादी, होम लोन भुगतान जैसी परिस्थितियों में भी लोग पीएफ के पैसे निकालते हैं.

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दरअसल, सिस्टम यानी आईटी में खामियों की वजह से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के अधिकारियों को परेशान हो रही हैं, खासकर उन कर्मचारियों को परेशानी हो रही है, जिन्हें हायर पेंशन (Higher Pension) के लिए आवेदन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और अप्रूवल का काम सौंपा गया है. हालांकि 31 अक्टूबर यानी कल होने वाली ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे को उठाए जाने की संभावना है. 

दैनिक कामकाज में दिक्कतें

पीएफ अधिकारियों का कहना है कि आईटी सिस्टम और सॉफ्टवेयर पुराने हो चुके हैं, EPFO के पास सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सर्वर नहीं हैं. इस मसले को लेकर रिटायरमेंट फंड मैनेजर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'ईपीएफओ जिस पैमाने पर काम करता है, उसके लिए सिस्टम पर्याप्त नहीं हैं. किसी भी पेंशन आवेदन की प्रोसेसिंग में आधे घंटे तक का समय लग जाता है, जबकि यह इस सही सिस्टम के साथ बहुत कम समय में किया जा सकता है.'

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बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारी इस मसले को लेकर EPFO ने जुलाई-2023 में केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव को भी खत लिखा था. जिसमें समस्याओं का जिक्र किया गया था. साथ ही आईटी सिस्टम और इंफ्रास्ट्रक्चर को हाईटेक करने की मांग की गई थी.

7 करोड़ से ज्यादा PF खाताधारक

अधिकारियों का कहना है कि ईपीएफओ में 7 करोड़ से अधिक सक्रिय सदस्य और 77.2 लाख से अधिक पेंशनभोगी हैं. लेकिन इसके लिए आईटी सिस्टम दुरुस्त नहीं है. अगर सरकारी बैंक SBI के आईटी सिस्टम से EPFO के आईटी प्रणाली की तुलना करें तो ये नगण्य है. वित्त वर्ष 2023 में भारतीय स्टेट बैंक के आईटी बजट 3,500 करोड़ रुपये की तुलना में ईपीएफओ का आईटी खर्च केवल 134 करोड़ रुपये था.

एक अधिकारी ने कहा कि अगर पासपोर्ट सेवा, आयकर विभाग और जीएसटी नेटवर्क के लिए आईटी इंटरफेस डिजाइन करने के लिए एक अलग प्राइवेट प्लेयर को रखा गया है, तो फिर ईपीएफओ के लिए ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता है?

तुरंत सिस्टम अपग्रेड करने की मांग 

यही नहीं, EPFO में आईटी मुद्दों की समीक्षा के लिए CBT द्वारा गठित एक समिति की रिपोर्ट का समर्थन किया गया था, लेकिन इसे आगे नहीं बढ़ाया गया. अधिकारियों ने बताया कि न केवल नियमित काम बल्कि नए सदस्यों को जोड़ने के लिए भी सिस्टम को तत्काल अपग्रेड करने की आवश्यकता है. इसके अलावा उच्च पेंशन आवेदनों को मान्य करने का काम आसानी हो, इसके लिए सिस्टम को बेहतर करने की जरूरत है. ईपीएफओ को उच्च पेंशन के लिए 17.40 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनपर वर्तमान में कार्रवाई की जा रही है. 
 

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