फाइनेंशियल ईयर 2021-22 (FY22) यानी असेसमेंट ईयर 2022-23 (AY23) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने (Income Tax Return Filing) की डेडलाइन में अब महज दो दिन बाकी हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) इस बात के संकेत दे चुका है कि डेडलाइन (ITR Filing Deadline) को बढ़ाने के बारे में कोई विचार नहीं चल रहा है. विभाग लोगों से लगातार कह रहा कि डेडलाइन का इंतजार किए बिना फटाफट अपना आईटीआर फाइल कर दें. आईटीआर भरने की डेडलाइन 31 जुलाई 2022 है और अब तक करीब 4 करोड़ लोगों ने ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया है. इस बार से आईटीआर फाइलिंग के कुछ नियमों (ITR Filing Rules) में बदलाव किया है. आईटीआर भरने से पहले इनके बारे में जान लेना जरूरी है, ताकि आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस (Income Tax Notice) न थमा दे.
इस डॉक्यूमेंट ने ITR Filing को किया आसान
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में एआईएस (AIS) यानी एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (Annual Information Statement) और टीआईएस (TIS) यानी टैक्सपेयर इंफॉर्मेशन समरी (Taxpayer Information Summary) की शुरुआत की है. डिपार्टमेंट ने इनकी शुरुआत आईटीआर फाइलिंग में पारदर्शिता लाने और टैक्सपेयर्स के लिए चीजें सरल बनाने के लिए की है. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले कुछ कागजात को तैयार रखने की जरूरत है. इन कागजातों में फॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट, बैंक से मिला इंटेरेस्ट सर्टिफिकेट, अगर होम लोन है तो उसका स्टेटमेंट, कोई डिडक्शन है तो उसके डिटेल्स, डीमैट अकाउंट के प्रॉफिट और लॉस का स्टेटमेंट, 26AS और एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (Annual Information Statement), अगर टैक्स चालान भरा गया है तो उसके डिटेल्स, अगर कोई डोनेशन दिया गया है तो उसके डिटेल्स, अगर अन्य स्रोतों से आय है तो उसके डिटेल्स आदि शामिल हैं. इनमें बाकी चीजें तो पुरानी हैं, लेकिन एआईएस नया है.
क्या होता है एआईएस और टीआईएस
नए एआईएस फॉर्म में टैक्सपेयर्स को अलग-अलग माध्यमों से हुई सारी कमाई का ब्यौरा दिया रहता है. इनमें सेविंग अकाउंट से ब्याज के रूप में हुई कमाई (Saving Account Interest Income), रेकरिंग और फिक्स्ड डिपॉजिट से इनकम (Recurring and Fixed Deposit Income), डिविडेंड के रूप में मिले पैसे (Income From Dividend), म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) समेत सिक्योरिटीज के लेन-देन से हुई आय, विदेश से मिले पैसे आदि शामिल हैं. आईटीआर फाइलिंग को आसान बनाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टीआईएस की शुरुआत की है. इसमें टैक्सपेयर्स को टैक्सेबल राशि (Taxable Amount) की एकमुश्त जानकारी मिल जाती है. पहले विभाग ने इसे ट्रायल के आधार पर शुरू किया था, अब इसे कंपल्सरी कर दिया गया है.
एक ही जगह सभी इनकम की जानकारी
आम तौर पर लोग खासकर वेतनभोगी वर्ग फॉर्म-16 (Form-16) के आधार पर आईटीआर फाइल कर देता है. हालांकि इसके अलावा भी कई तरह के इनकम और यहां तक कि गिफ्ट भी इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं. एआईएस और टीआईएस यहीं पर टैक्सपेयर्स के लिए मददगार साबित होता है. एआईएस में आपको सैलरी के अलावा अन्य स्रोतों से हुई हर उस कमाई का ब्यौरा मिल जाता है, जिन्हें इनकम टैक्स एक्ट 1961 (Income Tax Act 1961) के तहत स्पेसिफाई किया गया है. मतलब इसमें हर उस इनकम की जानकारी मिलेगी, जो टैक्सेबल कैटेगरी में आती है. सरल शब्दों में कहें तो किसी एक फाइनेंशियल ईयर (Financial Year) के दौरान किए गए सारे वित्तीय लेन-देन (Financial Transaction) के डिटेल्ड स्टेटमेंट को एआईएस कह सकते हैं. टीआईएस इसी का सारांश होता है.
ऐसे डाउनलोड करें एआईएस/टीआईएस (How to Download AIS/TIS)...