सभी मौसमों के दौरान कश्मीर से रेल मार्ग के जरिए संपर्क से जुड़े रहने का सपना बुधवार को उस वक्त साकार हो गया जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बनिहाल से काजीगुंड के बीच रेल खंड का उद्घाटन किया.
सिंह और गांधी संयुक्त रूप से तकरीबन 12 बजे 18 किलोमीटर लंबे मार्ग पर दौड़ने के लिए पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह रेल मार्ग जम्मू घाटी में बनिहाल और कश्मीर में काजीगुंड को जोड़ती है.
आम जनता गुरुवार से इस लाइन पर सफर कर सकेगी. 27 जून से आठ डिब्बों वाली यह ट्रेन बनिहाल से बारामूला के बीच नियमित रूप से चलेगी. बनिहाल-बारामूला-बनिहाल ट्रेन बनिहाल से सुबह सात बज कर दस मिनट पर और बारामूला से सात बज कर 35 मिनट पर खुलेगी और रोजाना पांच बार चक्कर लगाएगी.
उत्तरी रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बनिहाल और बारामूला के बीच चलाने के लिए हमारे पास सात जोड़ी ट्रेने हैं. 11 किलोमीटर लंबे सुरंग के बीच से बनाये गये बनिहाल-काजीगुंड खंड से अब 35 किलोमीटर (सड़क मार्ग) की दूरी कम होकर 18 किलोमीटर हो जाएगी.
इस रेल खंड के निर्माण पर 1,691 करोड़ रुपये की लागत आयी है. सभी मौसमों में कश्मीर घाटी से संपर्क बनाये रखने वाले इस रेल खंड का बहुत ही महत्व है. सर्दी के दौरान बर्फबारी के चलते कभी-कभार कश्मीर घाटी देश के शेष हिस्से से कट जाती है.
कश्मीर घाटी से ट्रेन के जरिए बनिहाल जाने वाले यात्री उधमपुर पहुंचने के लिए बस सेवा का लाभ ले सकते हैं जहां से देश भर के लिए रेल सेवा उपलब्ध है. जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ मिल कर उत्तर रेलवे बस सेवा के लिए व्यवस्था का समन्वय करेगा.
उत्तर रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बनिहाल से रेल सेवा का लाभ लेने के लिए अगले महीने से उधमपुर से बस सेवा शुरू की जाएगी. कश्मीर घाटी में उत्तर कश्मीर के काजीगुंड और बारामूला के बीच 118 किलोमीटर लंबे खंड पर पहले से ही रेल सेवा संचालित है.