नौकरशाही बाधाओं से तंग होकर एक नेता ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को खुद ही दूर किया है. लोकसभा सांसद जेडीयू नेता सुशील कुमार सिंह ने बिना किसी की आर्थिक मदद लिए अपनी जेब से 30 लाख रुपये खर्च करके 150 मीटर लंबे एक पुल का निर्माण करवाया है. ये पुल दो निर्वाचन क्षेत्रों को आपस में जोड़ता है.
सुशील कुमार सिंह का कहना है कि इस जर्जर पुल से गुजरते हुए ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. पुल के निर्माण नहीं होने के कारण औरंगाबाद जिला अस्पताल में मरीज सही समय पर नहीं पहुंच पाते थे और उनका सही समय पर इलाज नहीं हो पाता था.
इंडिया टुडे के साथ एक खास बातचीत में जेडीयू नेता ने कहा, 'सरकारी प्रक्रिया के तहत इस पुल के निर्माण में काफी समय लग जाता, इसलिए मैंने अपने फंड से इस पुल को बनवाने का निर्णय लिया. अब मैं काफी खुश हूं.' यह पुल औरंगाबाद और काराकत संसदीय क्षेत्रों को जोड़ता है.
अगस्त 2011 में राज्य सरकार द्वारा निर्मित इस पुराने पुल के ध्वस्त हो जाने के कारण औरंगाबाद जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए कुटुमबा और बरुन क्षेत्रों के लोगों को काफी परेशानियां का सामना करना पड़ता था. पुल के दुबारा निर्माण के लिए नौकरशाहों गैर जिम्मेदारा व्यवहार से भावुक और परेशान हो कर जेडीयू नेता सुशील कुमार सिंह ने अपने पैसे खर्च करके इस पुल का निर्माण करवाया. नक्सल प्रभावित क्षेत्र औरंगाबाद में एक सादे समारोह के दौरान सुशील कुमार सिंह ने इस पुल का उद्घाटन किया.