आने वाले समय में क्या होने वाला है, यह कोई नहीं जानता है. हर किसी का भविष्य अनिश्चित होता है. खासकर कोरोना महामारी के इस दौर में अनिश्चितता का रिस्क साफ उभरकर सामने आया है. लाखों ऐसे लोगों की नौकरियां (Job Loss) चली गईं, जिन्होंने कभी सपने में भी ऐसा नहीं सोचा था. ऐसे लोगों को सबसे अधिक चोट पहुंची पेंडिंग ईएमआई (Pending EMI) से. जॉब छूटने के बाद इन लोगों के सामने ईएमआई भरने का संकट खड़ा हो गया. हालांकि अगर अच्छे से प्लान किया जाए तो इस संकट से निपटने की तैयारी की जा सकती है.
जॉब छूटने के बाद भी बना रहता है इनकम का जरिया
पॉलिसीबाजार के एक ब्लॉग के अनुसार, कई कंपनियां जॉब इंश्योरेंस पॉलिसी (Job Insurance Policy) बेचती हैं. ये इंश्योरेंस पॉलिसीहोल्डर (Policyholder) और उसके परिवार को जरूरी फाइनेंशियल हेल्प (Financial Help) का कवरेज देते हैं. अगर अचानक आपकी नौकरी चली जाती है तो ये इंश्योरेंस आपके लिए मुश्किल घड़ी में वरदान साबित हो सकता है. इस इंश्योरेंस की मदद से आप जॉब छूट जाने पर भी सारे जरूरी खर्चों को पूरा कर सकेंगे और बिना परेशान हुए ईएमआई का भुगतान भी करते रहेंगे.
होम लोन समेत बड़े पर्सनल लोन की ईएमआई से मिलती है राहत
हालांकि भारत में अभी स्टैंडअलोन जॉब इंश्योरेंस प्लान (Standalone Job Insurance Plan) लॉन्च नहीं हुए हैं, लेकिन राइडर बेनेफिट (Rider Benefit) के तौर पर इनका लाभ उठाया जा सकता है. बीमाधारक अपनी पॉलिसी में जॉब कवर ऐड करा सकते हैं. यह कवर किसी गंभीर बीमारी या दुर्घटना के चलते नौकरी छूटने की स्थिति में मिलता है. कुछ प्रॉडक्ट बड़े पर्सनल लोन (Personal Loan) के लिए भी कवरेज देते हैं. जॉब छूटने पर ये पॉलिसी कुछ समय के लिए होम लोन (Home Loan) जैसे बड़े कर्जों की ईएमआई भरने की टेंशन से राहत देते हैं. आपको कवरेज के महीनों के दौरान ईएमआई भरने की टेंशन नहीं रहती है, जिससे आपको इनकम का अन्य जरिया तैयार करने का पर्याप्त समय मिल जाता है.
इन मामलों में नहीं मिलता कोई लाभ
अभी ये लाभ हर किसी के लिए उपलब्ध नहीं हैं. इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें हैं. इसका लाभ सिर्फ रजिस्टर्ड कंपनियों के कर्मचारी ही उठा सकते हैं. अगर आपकी नौकरी Contractual, Temporary, Seasonal या Casual है, तो आपको इसका लाभ नहीं मिल सकता है. अगर पॉलिसी की वेटिंग पीरियड में नौकरी चली जाती है, तो इस मामले में भी कवरेज नहीं मिलता है. इनके अलावा खराब परफॉर्मेंस या फर्जीवाड़े के कारण नौकरी से निकाले जाने, प्रोबेशन पीरियड में हटा दिए जाने या स्वेच्छा से रिटायरमेंट लेने की स्थिति में भी ये लाभ नहीं मिलते हैं.