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'70 साल में 74 बने, केवल 7 साल में बनाए 62 एयरपोर्ट्स'

ज्योतिरादित्य सिंधिया की मानें तो 70 वर्ष में 74 हवाईअड्डे बने थे. जबकि पिछले सात साल में 62 और हवाईअड्डे बनाए हैं. अब देश में कुछ 136 हवाईअड्डे हैं. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को विस्तार देने से सरकार ने रोडमैप तैयार कर लिया है. 

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हवाई उड़ान क्षेत्र में सरकार का फोकस
हवाई उड़ान क्षेत्र में सरकार का फोकस
स्टोरी हाइलाइट्स
  • फिलहाल देश में 136 एयरपोर्ट्स की संख्या
  • 2025 तक देश में 220 एयरपोर्ट का लक्ष्य

नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि भारत में लगभग एक दशक में हवाई यात्रा क्षेत्र में टॉप पर पहुंचने की क्षमता है. उन्होंने विमानन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया. 

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उन्होंने कहा कि सरकार क्षेत्रीय और लंबी दूरी के अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर 'कनेक्टिविटी' में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि सरकार ने 2025 तक हवाईअड्डों की संख्या मौजूदा के 136 से बढ़ाकर 220 तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.

हवाई उड़ान क्षेत्र में सरकार का फोकस

सिंधिया की मानें तो 70 वर्ष में 74 हवाईअड्डे बने थे. जबकि पिछले सात साल में 62 और हवाईअड्डे बनाए हैं. अब देश में कुछ 136 हवाईअड्डे हैं. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को विस्तार देने से सरकार ने रोडमैप तैयार कर लिया है. 

केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि साल 2025 तक कुल 220 हवाईअड्डों तक पहुंचने का है और इसमें हेलीपोर्ट और वाटर पोर्ट भी शामिल हैं. उन्होंने कहा, 'हमारे सामने बहुत कार्य हैं, जिन्हें पूरा करना है. कल हम जेवर हवाईअड्डे (नोएडा के पास) का शुभारंभ करने जा रहे हैं.'

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उन्होंने कहा कि संपर्क और यात्रा के लिए एक नया बाजार खुल गया है, नागर विमानन क्षेत्र में अब विकास को दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों द्वारा संचालित किया जाएगा. पहली श्रेणी के शहर अपनी परिपक्वता तक पहुंच चुके हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ज्यादातर महानगरों को दूसरे हवाईअड्डे की जरूरत है. 
 

 

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