ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण हादसे के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि अगर इस रूट कवच सिस्टम लगा होता तो फिर इस हादसे को टाला जा सकता था. इस हादसे के बाद रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस रूट पर कवच सिस्टम नहीं लगा था.
दरअसल, इस साल की शुरुआत में एक डेमो सिस्टम दिखाया गया था, जिसमें आमने-सामने आने पर दो ट्रेनें अपने आप रुक जाती हैं. इस सिस्टम को विकसित करने के पीछे भारतीय रेलवे का उद्देश्य जीरो एक्सीडेंट का लक्ष्य हासिल करना है. इसका पहला ट्रायल साल 2016 में किया गया था.
क्या है रेलवे का Kavach प्रोटेक्शन सिस्टम?
कवच एक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है, जिसे भारतीय रेलवे ने RDSO (रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन) के जरिए विकसित किया है. इस सिस्टम पर रेलवे ने साल 2012 में काम करना शुरू किया था. उस वक्त इस प्रोजेक्ट का नाम Train Collision Avoidance System (TCAS) था.
ये सिस्टम कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस का सेट है. इसमें रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइसेस को ट्रेन, ट्रैक, रेलवे सिग्नल सिस्टम और हर स्टेशन पर एक किलोमीटर की दूरी पर इंस्टॉल किया जाता है. ये सिस्टम दूसरे कंपोनेंट्स से अल्ट्रा हाई रेडियो फ्रिक्वेंसी के जरिए कम्युनिकेट करता है. जैसे ही कोई लोको पायलट किसी सिग्नल को जंप करता है, तो कवच एक्टिव हो जाता है. इसके बाद सिस्टम लोको पायलट को अलर्ट करता है और फिर ट्रेन के ब्रेक्स का कंट्रोल हासिल कर लेता है. जैसे ही सिस्टम को पता चलता है कि ट्रैक पर दूसरी ट्रेन आ रही है, तो वो पहली ट्रेन के मूवमेंट को रोक देता है.
कवच से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी
दरअसल, कवच सिस्टम को अब तेजी से देशभर से सभी रेल रूटों पर इंस्टाल करने की मांग जोर पकड़ रही है. इस बीच कवच सिस्टम के निर्माण से जुड़ी कंपनी कर्नेक्स माइक्रोसिस्टम्स (Kernex Microsystems) और एचबीएल पावर सिस्टम्स (HBL Power Systems) के शेयरों में सोमवार को शानदार तेजी देखी गई.
सोमवार को कारोबार के अंत में Kernex Microsystems के शेयर में 5 फीसदी का अपर सर्किट लगकर 297.15 रुपये पर बंद हुआ. जबकि HBL Power Systems के शेयर करीब 7.70 फीसदी चढ़कर 120.95 रुपये पर बंद हुआ.
बता दें, कवच सिस्टम को रेलवे लिस्टेड कंपनी एचबीएल पावर सिस्टम्स, केर्नेक्स माइक्रोसिस्टम्स और अनलिस्टेड मेधा सर्वो ड्राइव्स के साथ मिलकर रिसर्च, डिजाइन और डेवलेप किया जा रहा है. अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) ने तीन फर्मों- मेधा सर्वो ड्राइव्स, एचबीएल और केर्नेक्स को भारत में कवच उपकरण प्रदान करने के लिए मंजूरी दी है.
हालांकि रेलवे सूत्रों के मुताबिक पूरे देश के रेल नेटवर्क में एंटी ट्रेन टक्कर प्रणाली (कवच) को लागू करने की प्रक्रिया में काफी समय लग सकता है.