टैक्स (Tax) आम आदमी जीवन में अन्य जरूरी चीजों की तरह ही अहम हिस्सा बन चुका है. 2023 के बजट (Budget 2023) को लेकर सरकार की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और लोगों को इस बार टैक्स स्लैब (Tax Slab) में बदलाव किए जाने की उम्मीद है. पूर्व बजट बैठकों की शुरुआत में ही इसे संशोधित करने की मांग उठने लगी है. लेकिन आप टैक्स के बारे में कितना जानते हैं? देश में अभी आम आदमी के लिए कितने टैक्स स्लैब हैं? ये कैसे काम करते हैं? तो आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जबाव.
Tax के मुद्दे पर सबसे ज्यादा नजर
Budget का नाम आते ही देश के आम आदमी की नजर मुख्य रूप से टैक्स स्लैब में होने वाले बदलावों (Tax Slab Change) पर रहती है. बता दें बीते कुछ बजट सत्रों में इसमें कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिला है. फिलहाल, टैक्स की दो प्रणाली मौजूद हैं. पहली प्रणाली जिसे ओल्ड टैक्स स्लैब के तौर पर जाना जाता है.
वहीं साल 2020 में सरकार ने टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए नया टैक्स स्लैब (New Tax Slab) शुरू किया था. इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने में आसानी हो, इसके लिए यह नई व्यवस्था शुरू की गई थी. हालांकि नया टैक्स स्लैब शुरू करने के साथ सरकार ने पुराने टैक्स रेजीम या पुराने टैक्स स्लैब को भी कायम रखा है.
ओल्ड टैक्स स्लैब क्या है?
सबसे पहले जानते हैं ओल्ड टैक्स स्लैब (Old Tax Slab) के बारे में...
- इसमें 5 लाख तक की इनकम पर किसी तरह का टैक्स जमा नहीं करना होता है. इसके अलावा सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए के निवेश पर टैक्स जमा करने से छूट मिलती है. इस हिसाब से टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को तकरीबन साढ़े 6 लाख तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना पड़ता है. ओल्ड टैक्स रेजिम या पुराने टैक्स स्लैब में इनकम टैक्स रेट मुख्यत: आपकी इनकम और इनकम स्लैब पर निर्भर करता है. इसमें उम्र को भी आधार बनाया जाता है.
पुराना आयकर स्लैब (Old Tax Slab):
2.5 लाख तक- 0%
2.5 लाख से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 10 लाख तक- 20%
10 लाख से ऊपर- 30%
उम्र के हिसाब से इतना टैक्स
जैसे, अगर आपकी उम्र 60 साल से कम है तो पुराने टैक्स स्लैब में 2.5 लाख तक टैक्स रेट शून्य रहेगा. 2.5 से 5 लाख तक इनकम पर 5 परसेंट टैक्स लगेगा और इसमें सेक्शन 87ए के अंतर्गत छूट दिए जाने का प्रावधान है. 5-7.5 लाख पर 20%, 7.5-10 लाख पर 20%, 10-12.5 लाख पर 30%, 12.5 से 15 लाख पर 30% और 15 लाख से ज्यादा की इनकम पर 30% टैक्स लगता है.
इसके अलावा अगर टैक्सपेयर की उम्र 60 साल से 79 साल के बीच है, तो सीनियर सिटीजन कैटेगरी में आने पर उन्हें 3 लाख तक इनकम पर टैक्स से छूट है. 3-5 लाख पर 5%, 5-10 लाख पर 20% और 10 लाख से ज्यादा की कमाई पर 30% टैक्स लगता है. इसके अलावा अगर उम्र 80 से अधिक है तो फिर 5 लाख तक की कमाई पर शून्य टैक्स देना होता है.
नए टैक्स स्लैब को इस तरह समझें
नए टैक्स स्लैब (New Tax Slab) को देखें तो इसमें टैक्स रेट को कम रखा गया है. नया टैक्स स्लैब पुराने स्लैब से बहुत से मायने में अलग है. इसमें कम दर के साथ स्लैब ज्यादा हैं. इसके अलावा पुराने टैक्स स्लैब की तुलना में कई तरह की छूट और कटौती के लाभ में कमी की गई है. इस प्रणाली में जिस तरह इनकम में इजाफा होता है, टैक्स स्लैब बढ़ता जाता है और इसी क्रम में बढ़ जाती है टैक्स देनदारी.
नए टैक्स स्लैब के मुताबिक, 2.5 लाख तक कमाई पर शून्य टैक्स, 2.5-5 लाख पर 5% (87ए के तहत छूट), 5-7.5 लाख पर 10%, 7.5-10 लाख पर 15%, 10-12.5 लाख पर 20%, 12.5-15 लाख पर 25% और 15 लाख से ज्यादा इनकम पर 30% टैक्स देना होता है.
आगामी बजट से क्या उम्मीदें?
बीते महीने से बजट पूर्व बैठकों का दौर शुरू हो चुका है और सबसे पहले टैक्स स्लैब में संशोधन की मांग उठी है. Union Budget 2023 से पहले भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने सरकार को कई सुझाव दिए हैं. इनमें सबसे अहम व्यक्तिगत आयकर दरों में कटौती किया जाना है. सीआईआई ने कहा है कि इससे देश के करीब 5.83 करोड़ लोगों को लाभ हो सकता है.
नए टैक्स सिस्टम को लोकप्रिय बनाने की दिशा में राजस्व सचिव तरुण बजाज (Tarun Bajaj) ने भी सुझाव है कि न्यूनतम टैक्स स्लैब (Tax Slab) को ढाई लाख को बढ़ाकर 7 लाख कर देना चाहिए. इसके लिए एक सरल सा टैक्स स्ट्रक्चर बनाए जाने की जरुरत है जिसके लिए साधारण गणित से भी काम चल सकता है, जिसमें केवल ये देखना होगा कि रेवेन्यू पर कितना असर लिमिट बढ़ाने से होगा.