एड्स या एचआईवी से ग्रस्त लोगों के लिए जीवन बीमा जल्द ही हकीकत का रूप लेने जा रही है. दरअसल, इन्श्योरेंस को रेगुलेट करने वाली अथॉरिटी ने इस बारे में ड्राफ्ट गाइडलाइन जारी करके बीमा कंपनियों के सुझाव मांगे हैं.
इन्श्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ( IRDA) ने यह ड्राफ्ट इसी महीने जारी किया है, जिसमें एड्स या एचआईवी के मरीजों के लिए पॉलिसी का जिक्र है. उम्मीद है कि इरडा का सर्कुलर अप्रैल, 2014 से लागू हो जाएगा. समझा जा रहा है कि बीमा कंपनियां इस डेट से पहले ऐसी पॉलिसी से जुड़े नियम-कायदे तय कर लेंगी.
भारत में एड्स व एचआईवी मरीजों की उम्रसीमा आम तौर पर 15 साल से लेकर 49 साल के बीच है. एक आकलन के मुताबिक, देश में करीब 2 करोड़ 40 लाख लोग एड्स या एचआईवी से पीडि़त हैं. इसमें से करीब 3.5 फीसदी 15 साल के कम उम्र के हैं, जबकि करीब 83 फीसदी 15 से लेकर 49 साल के हैं.
हालांकि कुछ बीमा कंपनियां ऐसे रोगियों के लिए अभी भी बीमा मुहैया करा रही हैं. स्टार हेल्थ एंड एलायड इन्श्योरेंस जैसी कंपनियां ये सुविधाएं दे रही हैं.
गौरतलब है कि बीमा नियामक 'इरडा' ने हाल ही में बीमा कंपनियों को एचआईवी से ग्रस्त लोगों के किसी भी दावों को खारिज नहीं करने को कहा है.
इरडा ने एक सर्कुलर जारी कर कहा कि बीमा अनुबंध शुरू होने की डेट पर जिन लोगों का एचआईवी निगेटिव था और पालिसी की अवधि के दौरान वह एचआईवी ग्रस्त हो जाता है, तो इस आधार पर बीमा कंपनियां दावे को खारिज नहीं करेंगी.
इरडा के मुताबिक, बीमा कंपनियां ऐसे लोगों को गंभीर बीमारी को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गए प्रोडक्ट्स की पेशकश कर सकती हैं.