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जापान में 'फ्रेंच फ्राइज' का संकट, वजह इस देश में बाढ़

Japan French Fries Crisis: साल का यह समय जापान में फूड ज्वायंट के लिए कारोबार के सबसे उम्दा दिनों में गिना जाता है. इसके बाद भी मैकडी जापान (McD Japan) को फ्रेंच फ्राइज सर्व करने के मामले में हाथ खड़े करने पड़ गए हैं. कंपनी ने एक बयान में कहा है कि वह अगले कुछ दिन के लिए सिर्फ छोटे फ्रेंच फ्राइज ही बेच पाएगी.

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आलू की सप्लाई में हो रही देरी
आलू की सप्लाई में हो रही देरी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कनाडा में बाढ़ से आलू की सप्लाई बाधित
  • ग्लोबल सप्लाई चेन के चलते दिक्कत में कई इंडस्ट्री

ग्लोबलाइजेशन (Globalization) के बाद दुनिया के दो छोर के बीच की दूरी कम हुई है. अमेरिकी लोगों के कपड़े बांग्लादेश (Bangladesh) में बनते हैं, तो आईफोन (iPhone) जैसे डिवाइस चीन और भारत में बनाए जाते हैं. कुछ यही हाल खान-पान के क्षेत्र में भी है. इस ग्लोबल कनेक्शन के कारण जापान में नए साल से ठीक पहले एक अजीब संकट पैदा हो गया है. कनाडा (Canada) में आई बाढ़ ने जापान (Japan) में फ्रेंच फ्राइज की शॉर्टेज (French Fries Shortage) का संकट पैदा कर दिया है.

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सिर्फ स्मॉल साइज फ्रेंच फ्राइज होंगे उपलब्ध

मैकडोनाल्ड (McDonald's) की जापानी यूनिट इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है. साल का यह समय जापान में फूड ज्वायंट के लिए कारोबार के सबसे उम्दा दिनों में गिना जाता है. इसके बाद भी मैकडी जापान (McD Japan) को फ्रेंच फ्राइज सर्व करने के मामले में हाथ खड़े करने पड़ गए हैं. कंपनी ने एक बयान में कहा है कि वह अगले कुछ दिन के लिए सिर्फ छोटे फ्रेंच फ्राइज ही बेच पाएगी.

कनाडा में बाढ़ का ऐसे पड़ा असर

मैकडी ने इसका कारण बताते हुए कनाडा में आई बाढ़ और कोरोना वायरस महामारी का जिक्र किया है. कंपनी का कहना है कि कनाडा में वैंकुवर बंदरगाह (Port of Vancouver) के इलाके में आई बाढ़ और कोरोना वायरस की पाबंदियों से आलुओं की सप्लाई (Potato Supply) पर असर पड़ा है. आलू की खेप के आने में हो रही इस देरी के चलते शुक्रवार से एक सप्ताह के लिए फ्रेंच फ्राइज की उपलब्धता पर भी असर होगा. इससे जूझने के लिए एक सप्ताह तक सिर्फ छोटे साइज वाले फ्रेंच फ्राइज की ही बिक्री की जाएगी.

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सप्लाई चेन के चलते ही चिप शॉर्टेज

उल्लेखनीय है कि अभी ग्लोबल सप्लाई चेन के चलते दुनिया भर की इंडस्ट्री चिप शॉर्टेज (Global Chip Shortage) से जूझ रही है. चिप यानी सेमीकंडक्टर की सप्लाई में रुकावटें आने से ऑटो इंडस्ट्री पर काफी बुरा असर पड़ा है. भारत से लेकर जापान और अमेरिका तक वाहन कंपनियों का उत्पादन गिर गया है. ई-व्हीकल बनाने वाली कंपनियों को अधिक दिक्कतें हो रही हैं.

 

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