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भारत में इसी साल 86% कर्मचारी नौकरी से दे सकते हैं इस्तीफा, ये है वजह

Job Resignation: भारत के कर्मचारी तेजी से अपनी नौकरी छोड़ रहे हैं. कोरोना महामारी के बाद से ऐसा हो रहा है और आने वाले महीनों में इसमें और तेजी आएगी.

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बड़ी संख्या में नौकरी छोड़ सकते हैं लोग
बड़ी संख्या में नौकरी छोड़ सकते हैं लोग
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोविड नियमों के पालन पर बहस
  • वर्क फ्रॉम होम भी नहीं आ रहा रास

भारत में अगले कुछ महीनों के दौरान बड़ी संख्या में कर्मचारी (Employees) अपनी नौकरी से इस्तीफा (Resignation) देने की तैयारी में हैं. कोरोना महामारी (Covid) के बाद से इस्तीफा देने वाले कर्मचारियों की संख्या में इजाफा हुआ है. अब रिक्रूमेंट एजेंसी माइकल पेज की रिपोर्ट से पता चला है कि अगले 6 महीन में 86 फीसदी कर्मचारी अपनी नौकरी से इस्तीफा देना चाहते हैं. कर्मचारी बेहतर सैलरी (Salary) के साथ वर्क लाइफ बैलेंस (Work Life Balance) के लिए भी अपनी नौकरी छोड़ने को तैयार हैं.

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आने वाले दिनों में आएगी तेजी

रिपोर्ट के अनुसार, 61 फीसदी ऐसे कर्मचारी (Employees) हैं, जो अपनी वर्क लाइफ को बैलेंस के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा देना चाहते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना महामारी के बाद से ही नौकरी से इस्तीफा देने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ी है. आने वाले दिनों में इसमें और तेजी आएगी.

कोविड नियमों के पालन पर बहस

बड़ी संख्या में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने का असर सभी तरह के मार्केट से लेकर इंडस्ट्रीज में दिखेगा. रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले कुछ महीनों में बेहतरीन टैलेंट का माइग्रेशन (Talent Migration) वाला है, जिसमें आगे भी बढ़ोतरी जारी रहेगी. इसके अलावा कई दफ्तरों में कोविड के नियमों के पालन करने को लेकर बहस छिड़ी हुई है. कुछ कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) कल्चर पसंद नहीं आया है ऐसे 11 फीसदी कर्मचारी अब अपनी नौकरी छोड़ने की तैयारी में हैं. 

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नौकरी छोड़ने में सबसे आगे भारतीय कर्मचारी

ज्यादातर कर्मचारी करियर ग्रोथ, कम सैलरी, करियर रोल या इंडस्ट्री में बदलाव और कंपनी के डायरेक्शन से नाखुश होकर इस्तीफा दे रहे हैं. 12 देशों में किए सर्वे के अनुसार, नौकरी छोड़ने के मामले में भारतीय कर्मचारी सबसे आगे हैं. भारत में सबसे अधिक कर्माचरी आने वाले दिनों में नौकरी छोड़ने की योजना बना रहे हैं.

इसके बाद इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया, थाईलैंड और दक्षिण पूर्व एशिया का स्थान है. रिपोर्ट के मुताबिक पब्लिक सेक्टर के कर्मचारी प्राइवेट सेक्टर की तुलना में अपनी नौकरी छोड़ने के लिए अधिक इच्छुक हैं.


 

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