चीन से वर्ल्ड फैक्ट्री का ताज छीनने के लिए बेकरार भारत को जोरदार सफलता हासिल हुई है. जिन सेमीकंडक्टर के आयात पर भारत निर्भर है और जिनका निर्माण देश में ना होने से भारत एपल आईफोन की भी केवल हाईटेक असेंबलिंग यूनिट बनकर रह गया है, अब इन सभी का भारत में 100% निर्माण संभव होने वाला है. इसकी वजह है कि सेमीकंडक्टर सेक्टर की दिग्गज अमेरिकी कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी इंक भारत में कई सेमीकंडक्टर असेंबली और पैकेजिंग यूनिट्स बनाने के लिए तैयार है. इसकी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दी है. माइक्रोन टेक्नोलॉजी का फैसला लॉन्ग टर्म में भारत को सेमीकंडक्टर्स के लिए एक बड़े मार्केट और मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन के तौर पर स्थापित करने का है.
माइक्रोन के पहले निवेश की सफलता से निकलेगा रास्ता
भारत में सेमीकंडक्टर फैब का प्लांट लगाने के लिए माइक्रोन के पहले निवेश ने भारत में कंपनी को आगे की योजनाएं बनाने का फैसला करने में मदद की है. सेमीकंडक्टर फैब प्लांट की सफलता के बाद माइक्रोन भारतीय बाजार में पूरी ताकत से कूद पड़ेगी. इससे भारत के बाजार को लेकर नापतोल कर रही दूसरी कंपनियों को भी देश के सेमीकंडक्टर सेक्टर में उतरने का हौसला मिलेगा. सरकार भी माइक्रोन के पहले प्लांट के शुरू होने में काफी मदद कर रही है क्योंकि इस नए सेक्टर में भारत को दूसरी कंपनियों को लुभाने में ये सहायता करेगा.
गुजरात के साणंद में माइक्रोन की सेमीकंडक्टर फैब यूनिट
माइक्रोन ने गुजरात के साणंद में सेमीकंडक्टर असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग (ATMP) यूनिट स्थापित करने के लिए 800 मिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान किया है. मौजूदा दशक के दूसरे हाफ में माइक्रोन भारत में अपनी निवेश योजनाओं को विस्तार देने की तैयारी में जुट गई है. कंपनी की योजनाओं की जानकारी रखने वालों का कहना है कि पहली यूनिट के शुरू होने के बाद ऐसी और यूनिट्स सामने आएंगी. सरकार का कहना है कि नीतिगत ढांचे के दम पर दुनिया की एक दिग्गज सेमीकंडक्टर कंपनी भारत में आ गई है. ये पैकेजिंग से शुरुआत करके अगले 4-5 साल में फैब में जा सकती है. IT मंत्री के मुताबिक पहले भारत आने के बारे में आशंकित सेमीकंडक्टर कंपनियों की भी अब यहां आने में दिलचस्पी बढ़ती जा रही है.
माइक्रोन करेगी अरबों डॉलर का निवेश
सरकार माइक्रोन को लगभग 1.95 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता दे रही है, जिससे प्रोजेक्ट में कुल निवेश 2.75 अरब डॉलर का हो गया है. इस फैसिलिटी का निर्माण इस साल शुरू होने का अनुमान है और प्रोजेक्ट का पहला फेज 2024 के आखिर में चालू हो जाएगा. सरकार ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि भारत से पहली चिप दिसंबर 2024 तक आने की उम्मीद है. माइक्रोन के भारत में किए जा रहे इस निवेश से 5 हज़ार से ज्यादा नई प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होने की उम्मीद हैं.
फॉक्सकॉन भारत में निवेश करेगी डबल
उधर कांट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग फर्म और एप्पल की सबसे बड़ी सप्लायर फॉक्सकॉन ने भी भारत में अपना फोकस बढ़ा दिया है. फॉक्सकॉन इंडिया के प्रतिनिधि वी ली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर लिंक्डइन पोस्ट में बताया है कि कंपनी भारत में अपने निवेश और कर्मचारियों की संख्या को बढ़ाकर दोगुना करने जा रही है. कंपनी ने अगले एक साल के अंदर इस योजना को अमली जामा पहनाने की बात कही है. इससे ना केवल भारत को आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलेगी बल्कि वर्ल्ड फैक्ट्री के तौर पर चीन की जगह लेने की कोशिशों को भी बड़ा बूस्ट मिलेगा. अभी तक चीन फॉक्सकॉन का मैन्युफैक्चरिंग हब रहा है लेकिन अब ताइवान की ये कंपनी भारत पर फोकस बढ़ा रही है. कंपनी पहले से ही तमिलनाडु में आईफोन फैक्ट्री चला रही है, जिसमें लगभग 40 हजार लोग काम कर रहे हैं.
कर्नाटक में प्लांट लगाएगी फॉक्सकॉन
फॉक्सकॉन कर्नाटक में भी प्लांट लगाने जा रही है. कर्नाटक सरकार ने अगस्त में कहा था कि कंपनी 600 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी और आईफोन और सेमीकंडक्टर चिप बनाने के लिए राज्य में दो प्लांट लगाएगी. फॉक्सकॉन की मूल कंपनी होन हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप के सीईओ यंग लियू ने भी बीते महीने कहा था कि भारत अगले कुछ साल में पारिस्थितिकी तंत्र के उस स्तर को हासिल कर लेगा जिसे बनाने में चीन को 30 साल लगे थे. उन्होंने भारत को मैन्युफैक्चरिंग का भविष्य भी करार दिया था.
भारत में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाएगी फॉक्सकॉन
फॉक्सकॉन भारत में सेमीकंडक्टर चिप मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भी लगाने जा रही है. इसके लिए कंपनी ने पहले वेदांता के साथ करार किया था और गुजरात में प्लांट के लिए जगह भी तय हो गई थी. लेकिन बाद में दोनों कंपनियों ने अपने रास्ते अलग करते हुए आगे बढ़ने का एलान किया था. ब्लूमबर्ग की एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फॉक्सकॉन को अपना नया पार्टनर मिल गया है और उसने सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए सरकारी मदद के लिए आवेदन भी कर दिया है.