मोबाइल फोन से बैंकिंग करने वालों के लिए बड़ी खबर. अब आप अपने मोबाइल फोन से बैंकिंग कर सकेंगे और इसके लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब बिना इंटरनेट कनेक्शन के बेसिक हैंडसेट से आप अपने बैंक से सभी लेन-देन जल्द ही कर पाएंगे. टेलीकॉम रेगुलेटर इसके लिए टेलीकॉम कंपनियों को मोबाइल पेमेंट कंपनियों की मदद करने के लिए कहेगा. हालांकि कई टेलीकॉम कंपनियां कुछ साल से इसका विरोध करती आई हैं.
यह व्यवस्था एक खास किस्म के डेटा से संभव होगा जिसे यूएसएसडी कहा जाता है. यह बहुत आसान सी व्यवस्था है और इसमें टेक्स्ट मेसेज के जरिये मोबाइल बैंकिंग हो सकती है. मोबाइल फोन उपभोक्ता टेक्स्ट भेजकर फंड ट्रांसफर, बैलेंस चेक, बिल भुगतान, चेक कैंसिलेशन, चेक बुक रिक्वेस्ट, अकाउंट स्टेटमेंट वगैरह की सुविधा पा सकता है. इसके अलावा वह मोबाइल फोन से अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हुए खरीदारी भी कर सकता है. उपभोक्ता को बस एक नंबर डायल या एसएमएस करना होगा. उसके लिए उसे 2जी या 3जी कनेक्टिविटी नहीं चाहिए.
टेलीकॉम कंपनियां इसमें लोकल और इंटरनेशनल पेमेंट कंपनियों की मदद कर सकती हैं. इनमें वीजा की एसोसिएट कंपनी भी शामिल है जो रेगुलेटर और सरकार से टेलीकॉम कंपनियों के अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंटरी सर्विस डेटा (यूएसएसडी) चैनल के इस्तेमाल की मंजूरी मांग रही है.
पिछले हफ्ते हुई मीटिंग में ऑनलाइन पेमेंट कंपनी मोविडा के एग्जिक्यूटिव्स ने टेलीकॉम कंपनियों से यूएसएसडी कोड हासिल करने में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की मदद मांगी थी. मोविडा में वीजा और ब्रिटेन की कंपनी मॉनिटाइज की बराबर की हिस्सेदारी है. करीब डेढ़ महीने पहले मोविडा ने यूएसएसडी कोड के लिए ट्राई को लेटर लिखा था.
इससे पहले टेलीकॉम कंपनियों ने काफी ना-नुकर के बाद सरकारी पेमेंट गेटवे, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के साथ अपना इंफ्रास्ट्रक्चर साझा करने की सहमति दी थी. इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया, 'ट्राई ने मोविडा को भरोसा दिलाया है कि वह टेलीकॉम कंपनियों से यूएसएसडी कोड मांगेगा. वह इसके लिए डेडलाइन भी तय करेगा. हालांकि इस तरह की सर्विस के लिए मोबाइल पेमेंट कंपनियों को किसी बैंक से ऑथराइजेशन हासिल करना होगा.'
मोदी सरकार देश में बैंकिंग को मजबूत करना चाहती है. इस दिशा में मोबाइल बैंकिंग महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी.