भारत में त्योहारी सीजन (Festive Season) आने वाला है और इसपर महंगाई (Inflation) की मार पड़ने को लेकर लोगों में चिंता बनी हुई थी. यही नहीं बीते दिनों खाद्य तेलों (Edible Oils) और अन्य सामानों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाए जाने (Custom Duty Rise) के सरकारी फैसले ने इसमें और भी इजाफा कर दिया था. लेकिन अब सरकार की ओर से दावा किया गया है कि इस त्योहारी मौसम में महंगाई पर लगाम लगी रहेगी यानी देश की आम जनता पर बोझ नहीं बढ़ेगा. इसके लिए कमोडिटी प्रोडक्ट्स का बिजनेस करने वाली कंपनियों और व्यापारियों को हिदायत भी दी गई है.
क्यों सता रहा दाम बढ़ने का डर?
बुधवार को सरकार ने दावा किया है कि त्योहारी सीजन में जरूरी कमोडिटीज के दाम नहीं बढ़ेंगे और गेहूं, चावल, चीनी समेत खाद्य तेल के दामों पर नजर बनाए रखी जाएगी. गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने खाद्य तेलों पर आयात ड्यूटी में इजाफा किया है, जिससे इसकी कीमतों में उछाल आने की संभावना बढ़ी है. लेकिन, खाद्य उपभोक्ता मंत्रालय की ओर से गेहूं चावल चीनी खाद्य तेल के दाम काबू में रहने के दावा राहत भरा है. मंत्रालय की ओर से बताया गया कि एक पहले ही मंगलवार को खाद्य तेल कंपनियों से कहा गया है कि वह फिलहाल कीमतें न बढ़ाएं.
सरकार ने कितनी बढ़ाई है कस्टम ड्यूटी
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए बीते दिनों क्रूड और रिफाइंड ऑइल पर कस्टम ड्यूटी (Custon Duty On Edible Oils) को बढ़ा दिया है. ये इजाफा सूरजमुखी के तेल, पॉम ऑयल और सोयाबिन ऑयल पर किया गया है. फाइनेंस मिनिस्ट्री की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कस्टम ड्यूटी की बदलाव में बाद नई दरें, 14 सितंबर 2024 से लागू कर दी गई हैं.
क्रूड पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 0-20%, जबकि रिफाइंड ऑयल पर अब ये 12.5-32.5% की गई है. Basic Custom Duty में इजाफे के बाद अब क्रूड ऑयल और रिफाइंड तेलों पर प्रभावी शुल्क क्रमश: 5.5 फीसदी से बढ़कर 27.5 फीसदी और 13.75 फीसदी से बढ़कर 35.75 फीसदी हो जाएगा.
सरकार बोली- जीरो ड्यूटी वाला तेल मौजूद
मिनिस्ट्री की ओर से कहा गया है कि इन प्रोडक्ट्स का बिजनेस करने वाली कंपनियों और व्यापारियों को दाम नहीं बढ़ाने की हिदायत दी गई है. अगर कोशिश कामयाब होती हैं, तो इस त्योहारी सीजन में जरूरी कमोडिटीज के दाम स्थिर रहेंगे. सरकार के मुताबिक, इंडस्ट्री के पास जीरो ड्यूटी पर आयात हुआ 30 लाख टन खाद्य तेल है, जो 45 से 50 दिनों की घरेलू खपत के लिए पर्याप्त है. यहां बता दें कि मंगलवार को केंद्र सरकार ने Edible Oil Unions को 0% और 12.5% बेसिक कस्टम ड्यूटी पर आयातित खाने के तेल के स्टॉक की उपलब्धता तक तेल के एमआरपी (Oil Price) को स्थिर बनाए रखने की सलाह दी थी. वहीं सरकार ओपन मार्केट में गेंहू नहीं बेचेगी, अभी व्यापारियों के पास 100 लाख टन गेंहू मौजूद है.