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NPS Benefits: हर महीने चाहिए 50 हजार रुपये पेंशन? काम आएगी ये सरकारी स्कीम

नेशनल पेंशन स्कीम में दो तरह के अकाउंट खुलते हैं. पहले प्रकार के अकाउंट को एनपीएस टिअर-1 (NPS Tier-1) के नाम से जाना जाता है, जबकि दूसरे प्रकार के अकाउंट को एनपीएस टिअर-2 (NPS Tier-2) कहा जाता है. अगर कोई रिटायरमेंट के फायदे पाना चाहता है, तो उसके लिए टिअर-1 अकाउंट ही विकल्प है. इसे खास तौर पर रिटायरमेंट के लिए ही तैयार किया गया है.

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रिटायरमेंट के लिए समय से कर लें प्लान
रिटायरमेंट के लिए समय से कर लें प्लान

अगर आप भी प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं और रिटायर होने के बाद फाइनेंशियल सिक्योरिटी चाहते हैं, तो आपके लिए सरकारी योजना 'नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme)' बड़े काम की है. यह स्कीम सिर्फ इनकम टैक्स बचाने के फायदे ही नहीं देती है, बल्कि नौकरी से रिटायर होने के बाद हर महीने एक तय रकम की गारंटी भी देती है. आप अगर सही से योजना बनाकर इस स्कीम में इन्वेस्ट करें तो बड़े आराम से हर महीने 50 हजार रुपये पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं.

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अधिक पेंशन के लिए करें ये काम

नेशनल पेंशन स्कीम को लंबी अवधि का इन्वेस्टमेंट माना जाता है. इसमें आप नौकरी करते हुए थोड़ा-थोड़ा करके पैसे जमा करते हैं, जो रिटायरमेंट के बाद आपको मिलता है. नेशनल पेंशन स्कीम में जमा हुए पैसे इन्वेस्टर्स को दो तरीके से मिलते हैं. आप इसका सीमित हिस्सा एक ही बार में निकाल सकते हैं, जबकि दूसरा हिस्सा पेंशन के लिए जमा रहेगा, जिससे एन्यूटी (Annuity) खरीदी जाएगी. एन्यूटी खरीदने के लिए जितनी अधिक रकम आप छोड़ेंगे, आपको रिटायर होने के बाद उतनी ही ज्यादा रकम पेंशन के रूप में मिलेगी.

इस बात का जरूर रखें ध्यान

अब 50 हजार रुपये पेंशन के लिए आपको क्या करना होगा, वह जानने से पहले एनपीएस के बारे में कुछ बेसिक बातें जान लेते हैं. नेशनल पेंशन स्कीम में दो तरह के अकाउंट खुलते हैं. पहले प्रकार के अकाउंट को एनपीएस टिअर-1 (NPS Tier-1) के नाम से जाना जाता है, जबकि दूसरे प्रकार के अकाउंट को एनपीएस टिअर-2 (NPS Tier-2) कहा जाता है. अगर कोई रिटायरमेंट के फायदे पाना चाहता है, तो उसके लिए टिअर-1 अकाउंट ही विकल्प है. टिअर-1 अकाउंट मुख्य तौर पर उन लोगों के लिए है, जिनका पीएफ जमा नहीं होता है और वह रिटायरमेंट के बाद फाइनेंशियल सिक्योरिटी (Financial Security) चाहते हैं.

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इस प्रकार के अकाउंट यानी एनपीएस टिअर-1 को रिटायरमेंट के हिसाब से ही तैयार किया गया है. इसमें आप न्यूनतम 500 रुपये जमा कर अकाउंट खुलवा सकते हैं. रिटायरमेंट के बाद आप एक बार में 60 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं. बाकी 40 फीसदी रकम से एन्यूटीज (Annuities) खरीदी जाएंगी, जो मंथली पेंशन (Monthly Pension) के रूप में नियमित आय का साधन सुनिश्चित करता है.

एनपीएस पर मिलते हैं टैक्स लाभ

एनपीएस के टिअर-1 अकाउंट में कंट्रीब्यूशन पर और विदड्रॉअल दोनों पर टैक्स से छूट के लाभ मिलते हैं. कंट्रीब्यूशन की बात करें तो एनपीएस टिअर-1 अकाउंट के मामले में अकाउंट होल्डर को इनकम टैक्स एक्ट 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक और 80सीसीडी (1बी) के तहत 50 हजार रुपये के टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. वहीं एनपीएस टिअर-1 अकाउंट से निकासी कई गई पूरी रकम को टैक्स से छूट मिलती है. हालांकि एन्यूटी से होने वाली कमाई पर टैक्स की देनदारी बनती है. इस कमाई को आपकी अन्य सभी कमाइयों में जोड़कर आपका स्लैब निर्धारित होगा और उसी हिसाब से इनकम टैक्स भरना होगा.

ऐसे करें मोटी पेंशन का प्रबंध

अब मान लेते हैं कि आप रिटायर होने के बाद एनपीएस से 60 फीसदी हिस्सा एक बार में निकाल लेते हैं और 40 फीसदी बचे हिस्से का इस्तेमाल एन्यूटी खरीदने में करते हैं. इस स्थिति में हर महीने 50 हजार रुपये पेंशन पाने के लिए आपको 2.5 करोड़ रुपये का फंड तैयार करना होगा. ऐसा होने पर आप रिटायरमेंट के बाद 60 फीसदी यानी 1.5 करोड़ रुपये एक बार में निकालेंगे, जबकि बाकी के 01 करोड़ रुपये से एन्यूटी खरीदी जाएगी. सालाना एन्यूटी रेट 6 फीसदी मानकर गणना करें तो इस स्थिति में आपको हर महीने 50 हजार रुपये पेंशन मिलेगी. अगर आप अधिक हिस्से से एन्यूटी खरीदेंगे तो इससे कम फंड से भी बात बन जाएगी.

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