scorecardresearch
 

नए आकाश टैबलेट पर अब छात्रों को तत्काल मिलेंगे सवालों के जवाब

नए ‘आकाश’ पर अब छात्रों को उनके सवालों और उलझनों के तत्काल जवाब मिल सकेंगे. सस्ते टैबलेट आकाश के नये एवं उन्नत संस्करण में ‘क्लिकर’ प्रणाली जोड़ी गई है जिस पर छात्र और अध्यापक संवाद कर सकेंगे.

Advertisement
X
फाइल फोटो: आकाश टैबलेट
फाइल फोटो: आकाश टैबलेट

नए ‘आकाश’ पर अब छात्रों को उनके सवालों और उलझनों के तत्काल जवाब मिल सकेंगे. सस्ते टैबलेट आकाश के नये एवं उन्नत संस्करण में ‘क्लिकर’ प्रणाली जोड़ी गई है जिस पर छात्र और अध्यापक संवाद कर सकेंगे.

Advertisement

सूचना संचार प्रौद्योगिकी के जरिये राष्ट्रीय उच्च शिक्षा कार्यक्रम (एनएमईआईसीटी) के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने बताया कि आकाश के नये संस्करण में क्लिकर प्रणाली जोड़ी गई है. इस पर छात्र न केवल अपनी प्रश्नों के साथ अध्यापक से संवाद कर सकेंगे, बल्कि इसके माध्यम से संवाद में हिस्सा लेने वाले छात्रों के प्रदर्शन का मूल्यांकन भी किया जा सकेगा.

उन्होंने कहा कि क्लिकर प्रणाली के मध्यम से परिचर्चा में हिस्सा लेने वाले छात्रों की उपस्थिति भी दर्ज करायी जा सकेगी. अधिकारी ने बताया कि क्लिकर प्रणाली के माध्यम से आकाश पर क्विज खेले जा सकते हैं और जनमत सर्वेक्षण भी कराये जा सकते हैं. इस पर हिस्सा लेने वालों का प्रदर्शन ‘बार चार्ट’ और ‘पाई चार्ट’ के रूप में देखा जा सकता है.

शर्मा ने बताया कि क्लिकर प्रणाली से न केवल अटेंडेंस दर्ज कराने में लगने वाले कीमती समय को बचाया जा सकता है, बल्कि एक साथ बड़ी संख्या में छात्रों की परीक्षा ली जा सकती है.

Advertisement

आकाश के नये उन्नत संस्करण में क्लिकर प्रणाली से क्विज प्रश्नावली जोड़ी गई है, जिसमें दूर रह रहे क्षेत्रों के छात्र हिस्सा ले सकते हैं. अधिकारी ने बताया कि सभी सुदूर क्षेत्रों से हिस्सा लेने वाले छात्रों के जवाब को मुख्य सर्वर से एकत्र किये जायेंगे. सुदूर केंद्रों और मुख्य सर्वर के बीच संवाद एचटीटीपी के जरिये स्थापित होगा.

गौरतलब है कि संकट में घिरे आकाश परियोजना को उस समय नई ऊर्जा मिली, जब कुछ ही दिन पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने आकाश टैबलेट को आम लोगों के बीच लाने को हरी झंडी दे दी.

सचिव स्तर की बैठक में तय हुआ कि आकाश 4 टैबलेट के उत्पादन और खरीद पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय जल्द फैसला ले. ऐसे भी संकेत मिले हैं कि इस परियोजना को पूरी तरह से सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन किया जा सकता है.

सूत्रों ने बताया कि अब आकाश के नये एवं उन्नत संस्करण के निर्माण एवं खरीद के लिए एक से अधिक कंपनियों को अनुबंध दिया जा सकता है, ताकि आपूर्ति संबंधी समस्याओं से बचा जा सके.

अभी आकाश टैबलेट की आपूर्ति का काम एक कंपनी डाटाविंड को दिया गया है. और इस बारे में आपूर्ति संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ा है.

Advertisement
Advertisement