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आज से बढ़ जाएगी आपकी सैलरी, सिर्फ करना होगा ये एक काम... 1 करोड़ लोगों के लिए खुशखबरी!

New Tax Slab 2025: जिनकी सैलरीड इनकम सालाना 12.75 लाख रुपये है, उन्हें कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा. बता दें, इससे पहले न्यू टैक्स रिजीम 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता था.

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The income tax slabs remain unchanged in the old tax regime, while the government has implemented changes only in the new tax regime.
The income tax slabs remain unchanged in the old tax regime, while the government has implemented changes only in the new tax regime.

अगर आपसे कहां जाए कि बिना अप्रैजल (Appraisal) आपकी आज से यानी 1 अप्रैल 2025 सैलरी बढ़ चुकी है, तो आप शायद सोचेंगे ये क्या मजाक है? लेकिन सच है, अगर आप इनकम टैक्स (Income Tax) के दायरे में आते हैं या फिर नए वित्त वर्ष से इसके दायरे में आने वाले हैं, तो उनके लिए न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) किसी अप्रैजल के कम नहीं है.

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दरअसल, 1 अप्रैल 2025 से न्यू टैक्स रिजीम लागू हो चुके हैं, और इसका ऐलान बजट में किया गया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू टैक्स रिजीम में बड़े बदलाव करते हुए सालाना 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगाने का ऐलान किया है, जिसका सबसे ज्यादा फायदा मिडिल क्लास को होना है. इसके अलावा न्यू टैक्स रिजीम में 75 हजार रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी लाभ मिलेगा. 

यानी जिनकी सैलरीड इनकम सालाना 12.75 लाख रुपये है, उन्हें कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा. बता दें, इससे पहले न्यू टैक्स रिजीम 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता था. लेकिन इससे ज्यादा की आय पर न्यू टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम, दोनों में टैक्स की व्यवस्था थी. 

बजट में हुआ था बड़ा ऐलान

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अब जिन लोगों की सैलरी 12.75 लाख रुपये तक है, उन्हें इनकम टैक्स के बारे में नहीं सोचना है. सेक्शन 87A के तहत 7 लाख रुपये तक की आय पर पहले से ही टैक्स छूट थी, जिसे अब बढ़ाकर 12 लाख तक कर दिया गया है. एक उदाहरण से समझते हैं... अगर किसी की सैलरी पिछले वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये थी, और उन्होंने न्यू टैक्स रिजीम चुन रखा था. तो उन्हें इनकम टैक्स हर हाल में देना पड़ा होगा, लेकिन इस साल अब उन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा, यानी पिछले साल जितना पैसा उन्होंने इनकम टैक्स के तौर पर भरा था, वो इस साल सीधे बचने वाला है.
  
नौकरीपेशा लोग हर साल न्यू और ओल्ड रिजीम के बीच स्विच कर सकते हैं, जिससे अपनी आय और खर्च के हिसाब से बेहतर विकल्प चुना जा सकता है. लेकिन अधिकतर लोग अब न्यू टैक्स रिजीम के साथ जाना पसंद करेंगे, क्योंकि इसके कई फायदे हैं. 

1 अप्रैल 2025 से ओल्ड टैक्स रिजीम वालों का क्या होगा?
गौरतलब है कि 1 अप्रैल 2025 से वित्तीय वर्ष 2025-26 शुरू हो रहा है, और यह न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट ऑप्शन बनाने का पहला पूरा साल होगा. हालांकि, ओल्ड टैक्स रिजीम अभी भी मौजूद रहेगा. अगर आपकी आय और डिडक्शन के आधार पर यह फायदेमंद है, तो आप इसे चुन सकते हैं. खासकर नौकरीपेशा लोग हर साल अपनी ITR फाइल करते वक्त इसे ऑप्ट कर सकते हैं. 

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ओल्ड टैक्स रिजीम अब किसके लिए फायदेमंद?
बजट 2025 में ओल्ड रिजीम के स्लैब या छूट में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया था. जिसमें 2.5 लाख तक की आय टैक्स-फ्री, और उसके बाद 5%, 20%, और 30% के स्लैब लागू होंगे, डिडक्शन जैसे 80C (1.5 लाख), 80D (25,000-50,000), और होम लोन ब्याज (2 लाख तक) उपलब्ध रहेंगे. अगर आप HRA, होम लोन, या बड़े निवेश का लाभ लेते हैं, तो ओल्ड रिजीम अभी भी लाभदायक हो सकता है. अगर आप किराये पर रहते हैं, होम लोन चुकाते हैं, या बड़े मेडिकल खर्च उठाते हैं, तो फिल ओल्ड टैक्स रिजीम के बारे में सोच सकते हैं. 

अगर आपकी आय 15 लाख से ज़्यादा है और आप डिडक्शन का लाभ लेते हैं, तो ओल्ड रिजीम में टैक्स कम हो सकता है। न्यू रिजीम में टैक्स स्लैब भले कम हों, लेकिन छूट न मिलने से कुल टैक्स बढ़ सकता है. निवेशक को अपनी आय, खर्च, और निवेश के आधार पर दोनों की तुलना करके सही विकल्प चुनें. आइए जानते हैं न्यू टैक्स स्लैब के फायदे-नुकसान. 

सवाल-  टैक्सपेयर्स कब से न्यू टैक्स रिजीम में शिफ्ट हो सकते हैं?  
जवाब- न्यू टैक्स स्लैब में टैक्सपेयर्स वित्त वर्ष 2025-26 से शिफ्त हो सकते हैं, यानी 1 अप्रैल 2025 से शिफ्ट हो सकते हैं. अगर आप भी 12 लाख तक की कमाई पर करमुक्त का लाभ उठाना चाहते हैं तो अब इस रिजीम को चुन सकते हैं. खासकर ओल्ड टैक्स रिजीम वाले इसमें शिफ्ट हो सकते हैं, जिनकी आय 12.75 लाख रुपये तक है, क्योंकि इनको अब एक रुपया भी इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा. ओल्ड टैक्स रिजीम वालों को केवल न्यू टैक्स रिजीम का चयन करना होगा.

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सवाल- कैसे 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा? 
जवाब- बजट में नए कर व्यवस्था के तहत अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा. पहले यह सीमा 7 लाख रुपये थी. स्टैंडर्ड डिडक्शन 75,000 रुपये को मिलाकर देखा जाए, तो 12.75 लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. हालांकि, यह छूट केवल वेतन पर लागू होगी. अन्य स्रोतों से होने वाली आय, जैसे कि पूंजीगत लाभ पर टैक्स जारी रहेगा.

सवाल- क्या न्यू टैक्स स्लैब-2025 फायदेमंद साबित होगा?
जवाब- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि न्यू टैक्स स्लैब में बदलाव से अब एक करोड़ टैक्सपेयर्स को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. इसका सीधा मतलब यह है कि अब 10 में से 9 वेतनभोगी व्यक्ति को इनकम टैक्स नहीं देना होगा. CBDT के चेयरमैन रवि अग्रवाल के मुताबिक वित्तवर्ष 2024-25 में ही  करीब 75 फीसदी से ज्यादा लोग न्यू टैक्स रिजीम को अपना चुके हैं, और अब जब 12 लाख रुपये तक की आय को भी टैक्स फ्री कर दिया गया है, तो इसके बाद अब 90 फीसदी से 97 फीसदी टैक्सपेयर्स इस नई कर व्यवस्था में शामिल हो सकते हैं.

सवाल- अब भी ओल्ड टैक्स रिजीम किसके लिए फायदेमंद हो सकता है?  
जवाब- अब पुरानी स्कीम केवल उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी चैप्टर 6-एक के अधीन डिडक्शन को क्लेम करता है. जो सैलरी क्लास में आता है, जिसको HRA मिलता हो, साथ ही होम लोन चुका रहा हो. यानी जो लोग इनकम टैक्स में लाइफ इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड, घर का किराया, बच्चों के स्कूल फीस, होम लोन, मेडिकल इंश्योरेंस, NPS में निवेश करते हैं वो डिडक्शन का लाभ लेकर टैक्स बचा सकते हैं. लेकिन अब 95 फीसदी से ज्यादा लोग न्यू टैक्स रिजीम में शिफ्ट हो जाएंगे. 

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सवाल- देश में कितने लोग इनकम टैक्स देते हैं?
जवाब- आंकलन वर्ष 2023-24 के इनकम टैक्स रिटर्न आंकड़ों के अनुसार, 7.54 करोड़ वेतनभोगी व्यक्तियों ने टैक्स रिटर्न फाइल किया था. इनमें से 5.89 करोड़ व्यक्तियों की सालाना सैलरी 7 लाख रुपये से कम थी. सरकार की मानें तो 12 लाख रुपये की नई छूट सीमा के अनुसार, टैक्स से छूट पाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 6.77 करोड़ हो जाएगी. इसका मतलब है कि अब 89.8% वेतनभोगी किसी भी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देंगे. यही नहीं, अगर 12.75 लाख की सीमा को ध्यान में रखें, तो यह संख्या 6.92 करोड़ हो जाएगी, जिससे 91.7% वेतनभोगी टैक्स से मुक्त हो जाएंगे. इस फैसले से लगभग 1.5 करोड़ लोग, जिनकी सालाना आय 7 लाख रुपये से 12 लाख रुपये के बीच है, उन्हें फायदा होगा. अब उन्हें अपनी सैलरी इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
 

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