अगर आप जॉब करते हैं और इनकम टैक्स (Income Tax) स्लैब में हुए बदलाव को लेकर कंफ्यूज हैं, क्योंकि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nrimala Sitharaman) ने बजट-2025 में 12 लाख तक की कमाई पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगाने का ऐलान किया है. जो मिडिल क्लास के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है. पहले ये छूट 7 लाख रुपये तक की कमाई पर थी. तो आइए जानते हैं क्या है इस कंडीशन में लगने वाले टैक्स का पूरा गणित.
दरअसल, न्यू टैक्स स्लैब कुल 12.75 लाख तक कमाई पर भी आपको एक रुपया इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा, क्योंकि सरकार ने 12 लाख तक की कमाई को करमुक्त करने की घोषणा की है. न्यू टैक्स स्लैब के हिसाब से 12 लाख की कमाई पर 60 हजार रुपये इनकम टैक्स (Income Tax) बनता है. लेकिन 87A के तहत 60 हजार रुपये का रिबेट मिल जाएगा, जिससे 12 लाख तक की कमाई पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा. यही नहीं, न्यू टैक्स स्लैब में सैलरीड क्लास को 75 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ भी मिलेगा. ऐसे में 12.75 लाख तक की कमाई पूरी तरह से करमुक्त हो जाती है.
12.75 लाख तक की आमदनी टैक्स फ्री
लेकिन सवाल उठता है कि 12.75 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई पर तो पूरा टैक्स देना पड़ेगा, यह कड़वा सच भी है. हालांकि, इसपर 60 हजार रुपये तक का मार्जिनल रिलीफ (Marginal Relief) का फायदा भी मिलता है. लेकिन मार्जिनल रिलीफ का फायदा जहां खत्म होता है, उसके बाद क्या होगा?
उदाहरण के लिए पंकज की मौजूदा समय में सालाना कमाई (Gross Income) 12.75 लाख रुपये है, और वो प्राइवेट जॉब करते हैं. मान लीजिए इस साल उन्हें 5 फीसदी का अप्रैजल मिलता है. यानी उनकी सैलरी में 5 फीसदी का इजाफा होता है, फिर क्या होगा? क्या उन्हें मार्जिनल रिलीफ का लाभ मिलेगा या फिर जितना टैक्स बनेगा पूरा भरना पड़ेगा.
आइए इनकम टैक्स कैलकुलेटर की मदद से समझते हैं... जैसा कि पंकज की अभी सालाना आमदनी 12.75 लाख रुपये है, और उन्हें 5 फीसदी इंक्रीमेंट मिलने पर उनकी सैलरी 63,750 रुपये बढ़ जाएगी, यानी कुल सालाना सैलरी बढ़कर 13,38,750 रुपये हो जाएगी. अब इस आमदनी पर इनकम टैक्स देखते हैं तो पंकज को झटका लग सकता है.
आइए जानते हैं कि पंकज की 5 फीसदी सैलरी बढ़ने के बाद कितना इनकम टैक्स देना पड़ेगा. पंकज की सैलरी बढ़ने के बाद आय बढ़कर 13,38,750 रुपये हो जाएगी. सबसे पहले इसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन 75000 रुपये माइनस कर देते हैं. जिसके बाद (13,38,750- 75000= 12,63,750 रुपये) इनकम टैक्स के दायरे आ जाएगा. अब न्यू टैक्स स्लैब (New Tax Slab 2025) के हिसाब से 12,63,750 रुपये की आय पर इनकम टैक्स 72,345 रुपये बनता है.
आइए जानते हैं कैसे?
0–4 0% = 0
4–8 5% = 20,000 रुपये
8–12 10% = 40,000 रुपये
12–16 15% = 9562.50 रुपये
सेस (4%) = 2782 रुपये
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कुल इनकम टैक्स = 72,345 रुपये
अब यहां मार्जिनल रिलीफ का लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि आयकर नियम के तहत अधिकतम 60 हजार रुपये तक मार्जिनल लाभ मिल सकता है. अगर यहां सैलरी में बढ़ोतरी 63,750 रुपये की हो रही है, जो कि मार्जिनल रिलीव की अधिकतम सीमा 60 हजार रुपये से ज्यादा है. अगर यहां सैलरी 60 हजार से कम यानी 59,999 रुपये भी बढ़ती तो फिर पंकज को मार्जिनल का लाभ मिल जाता और उन्हें 59999 रुपये ही आयकर भुगतान करना पड़ता. क्योंकि मार्जिनल का नियम कहना है कि इनकम टैक्स और इंक्रीमेंटल इनकम में जो कम होगा, वही टैक्स के तौर पर देय होगा.
मार्जिनल रिलीफ क्या है?
आइए जानते हैं इस नियम के बारे में... मार्जिनल रिलीफ (Marginal Relief) के तहत ऐसे टैक्सपेयर्स को राहत मिलती है, जिनकी इंक्रीमेंटल आय में मामूली इजाफा से ज्यादा टैक्स की देनदारी बन जाती है, यानी जिनकी इंक्रीमेंटल आय टैक्सबेल इनकम से थोड़ी ज्यादा है, उन्हें इसका सीधा लाभ मिलेगा. लेकिन एक सीमित आय तक ही मार्जिनल रिलीफ का फायदा मिलता है. नियम के मुताबिक टैक्सपेयर्स की इंक्रीमेंटल आय और इनकम टैक्स में से जो कम होगा, उसे आयकर के तौर पर माना जाएगा. (इंक्रीमेंटल इनकम बढ़ी हुई आय को कहा जाता है).