आम आदमी को महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद आगे भी नहीं दिख रही है. अब इंश्योरेंस प्रीमियम भी महंगा होने जा रहा है. बीमा कंपनियां 1 अप्रैल से टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम महंगा करने की तैयारी कर रही हैं.
क्या होता है टर्म प्लान
टर्म पॉलिसी में पूरी तरह से जोखिम कवर ही होता है. इसमें कोई मैच्योरिटी राशि नहीं मिलती. लेकिन पॉलिसी अवधि में बीमाधारक की डेथ होने पर उसके नॉमिनी को अच्छी रकम मिलती है. इसलिए इस पॉलिसी में बहुत कम प्रीमियम पर मोटी रकम का इश्योंरेंस मिलता है.
कितना बढ़ सकता है दाम
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, 1 अप्रैल से शुरू हो रहे है नए वित्त वर्ष यानी 2021-22 में टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. असल में कोरोना संकट के दौरान कंपनियों की बीमा लागत और खर्च काफी बढ़ गई है.
री-इंश्योरेंस हुआ है महंगा
बीमा कंपनियों का कहना है कि उनको अपना प्रीमियम इस वजह से बढ़ाना होगा, क्योंकि कोरोना के दौरान री-इंश्योरेंस महंगा हो गया है. असल में बीमा कंपनियां ऊंची रकम के बीमा क्लेम देने के लिए खुद एक री-इंश्योरेंस कंपनी से बीमा लेती हैं. कोरोना महामारी की वजह से हाल के महीनों में रीइंश्योरेंस कंपनियों ने अपने प्रीमियम बढ़ा दिए हैं.
किस पर होगा असर
इस बढ़त का असर पॉलिसी लेने वाले नए ग्राहकों पर होगा. यानी पुराने ग्राहकों पर इसका असर नहीं होगा, क्योंकि पुराने ग्राहकों के लिए जो प्रीमियम एक बार फिक्स हो जाता है, उन्हें जीवन भर वही देना होता है.