कोरोना की वजह से करीब एक साल से भारत में रहने को मजबूर प्रवासी भारतीयों (NRIs) को मोदी सरकार ने बड़ी राहत दी है. आयकर विभाग ने साफ किया है कि उन्हें डबल टैक्स नहीं देना होगा, यानी उन्हें भारत में इनकम टैक्स नहीं देना होगा.
क्या है मामला
असल में भारत में नियम यह है कि अगर कोई नॉन रेजिडेंट इंडियन (NRIs) एक साल में 182 दिन से ज्यादा ठहर जाता है तो टैक्स के लिहाज से उसे निवासी भारतीय मान लिया जाता है. इसकी वजह से उसे अपनी आमदनी पर भारत में टैक्स देना होता है.
पिछले साल मार्च में लॉकडाउन की वजह से बहुत से प्रवासी भारतीय भारत में ही फंस गए और इसके बाद करीब एक साल से अपने कामकाज के देश नहीं जा पाए हैं. ऐसे लोगों के सामने काफी मुश्किल आने वाली थी, क्योंकि वे तो अपने कामकाज के देश में इनकम टैक्स देते ही हैं, उन पर भारत में भी टैक्स लग जाता.
कब तक रियायत
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बुधवार को यह साफ किया है कि तय अवधि से ज्यादा भारत में रुक जाने वाले प्रवासी भारतीयों (NRIs) पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगाया जाएगा. फिलहाल यह रियायत 31 मार्च, 2021 तक के लिए रहेगी. यानी इस वित्त वर्ष के लिए उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा. इस बारे में सीबीडीटी को बहुत से एनआरआई लगातार अनुरोध भेज रहे थे.
गौरतलब है कि कोरोना संकट में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लग जाने की वजह से बहुत से प्रवासी भारतीयों को भारत में ही रुक जाना पड़ा था. बहुत से लोग मार्च से अब तक अपने कामकाजी देश नहीं जा पाए हैं.
क्या है नियम
नियम के मुताबिक अगर कोई नॉन-रेजिडेंट इंडियन भारत में एक साल में 182 दिन या उससे ज्यादा रुक जाता है, या वह लगातार चार साल में 365 दिन से ज्यादा भारत में रुकता है या तो उस इनकम टैक्स के लिहाज से निवासी मान लिया जाएगा.
(www.businesstoday.in के इनपुट पर आधारित)