पाकिस्तान में आर्थिक संकट (Pakistan Economic Crisis) के बीच जनता की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अच्छे दिनों की उम्मीद लगाए लोगों पर एक के बाद एक बोझ बढ़ता जा रहा है. कंगाल देश में महंगाई दर 35 फीसदी के ऊपर पहुंच गई है, तो वहीं अब पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में बड़ा इजाफा करते हुए जनता पर ईएमआई (EMI) का बोझ बढ़ा दिया है. बेंचमार्क ब्याज दर (Interest Rate) में 100 आधार अंक यानी 1 फीसदी का इजाफा किया गया है और ये बढ़कर 21 फीसदी हो गई है.
लोगों पर बढ़ेगा EMI का बोझ
रॉयटर्स के मुताबिक, सेंट्रल बैंक की ओर से बेंचमार्क ब्याज दर में ये बढ़ोतरी होने के बाद अब देश के तमाम बैंक अपने लोन की ब्याज दरों में इजाफा करेंगे, जिससे इन बैंकों से लोन लेने वाले लोग प्रभावित होंगे और उन्हें अपने लोन के एवज में ज्यादा EMI चुकानी होगी. बता दें पहले से ही ऐसी आशंका जताई जा रही थी पाकिस्तान में ब्याज दर में इजाफा किया जा सकता है. हालांकि, सेंट्रल बैंक ने अनुमान से कम बढ़ोतरी की है. एक्सपर्ट्स ब्याज दर 200 बेसिस प्वाइंट बढ़ाए जाने की संभावना व्यक्त कर रहे थे. Interest Rate बढ़ने से अब होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन सहित सभी तरह के कर्ज महंगे हो जाएंगे.
महंगाई 35 फीसदी के पार पहुंची
पाकिस्तान में महंगाई (Pakistan Inflation) डायन 35.4 फीसदी के पार पहुंच चुकी है और ये आंकड़ा पिछले पांच दशक में सबसे ज्यादा है. खाने-पीने की चीजों से लेकर रोजमर्रा के जरूरी सामानों की कीमतें आसमान छू रही हैं और इन्हें खरीदना लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है. आटा से लेकर पेट्रोल-डीजल तक सब पर महंगाई की तगड़ी मार पड़ रही है. इस आर्थिक संकट से निकलने की सरकार की सारी कोशिशें नाकाम होती जा रहा हैं और अब थक हार कर सरकार ने लोगों के एक के बाद एक झटके झेलने के लिए तैयार रहने को कहा है.
Dawn के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने पाकिस्तान के लोगों को हाल ही में चेतावनी देते हुए कहा है कि मुद्रास्फीति (Inflation) अभी और बढ़ सकती है. सरकार की इस चेतावनी से साफ है कि दिवालिया होने की कगार पर पहुंचे देश में जनता की मुसीबतें अभी और बढ़ने वाली हैं.
मार्च के पहले सप्ताह में हुआ था इजाफा
गौरतलब है कि मार्च 2023 के पहले सप्ताह में ही स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) ने बेंचमार्क ब्याज दरों में 300 बीपीएस की बढ़ोतरी कर इसे 20 फीसदी कर दिया था. अब महीनेभर बाद ही इसमें एक और बड़ा इजाफा किया गया है. पाकिस्तान सेंट्रल बैंक एमपीसी ने ब्याज दरों में इजाफा किए जाने के बाद कहा है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan Forex Reserve) काफी निचले स्तर पर पहुंच चुका है और बैंलेंस ऑफ पेमेंट (BoP) की स्थिति अभी दबाव में है. इस सब परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला किया गया है.
लगातार बिगड़ रही इकोनॉमी की हालत
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था हर बीतते दिन के साथ और खस्ताहाल होती जा रही है और जनता पर संकट के बादल गहराते जा रहे हैं. पाकिस्तानी रुपया हर रोज गिरने का नया रिकॉर्ड बनाता जा रहा है. आईएमएफ (IMF) से मिलने वाले बेलआउट पैकेज में हो रही देरी के कारण अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की कीमत 288 पाकिस्तानी रुपये पर पहुंच चुकी है, जो इसका नया रिकॉर्ड लो लेवल है.
दूसरे शब्दों में कहें तो पाकिस्तान पर दिवालिया होने का खतरा लगातार बढ़ रहा है. पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) से 1.1 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज की किस्त जारी करने की गुहार लगा रही है, लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है.