
पाकिस्तान (Pakistan) की हालत दिन-व-दिन बदहाल होती जा रही है. गेहूं की किल्लत के चलते रोटी के लिए जूझ रहे कंगाल देश के लिए पानी की समस्या (Pakistan Water Crisis) भी विकराल होती जा रही है. सिंध-पंजाब और बलूचिस्तान में जल संकट गहरा गया है. देश का खजाना लगातार खाली होता जा रहा है और सरकार के पास इस आर्थिक संकट से निकलने का कोई रास्ता नहीं है. कर्ज के लिए दूसरे देशों का मुंह ताक रहे पाकिस्तान को अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ओर से भी झटका लगा है.
बलूचिस्तान में लगातार बिगड़ रहे हालात
Pakistan के ताजा हालातों की बात करें तो अंधेरा मिटाने को देश के पास बिजली नहीं है, लोगों की थाली में रोटी नहीं है, खाना पकाने के लिए एलपीजी गैस नहीं है और अब पीने के लिए पानी की भी किल्लत है. ऐसे में लोगों का जीना मुहाल होता जा रहा है. एएनआई की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, बलूचिस्तान राज्य के तमाम हिस्से पानी की कमी से जूझ रहे हैं और ये समस्या विकराल होती जा रही है. इसमें बताया गया है कि प्रशासन की लापरवाही और देख-रेख के अभाव में पीने के पानी के फिल्टर प्लांट्स खराब होते जा रहे हैं. जिससे आर्थिक बदहाल देश में पानी की कमी गहरा रही है.
सिंध और पंजाब प्रांत में भी पानी की कमी
रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान के बलूचिस्तान के 25 फीसदी लोगों को ही पीने के लिए साफ पानी मिल पा रहा है. सिर्फ बलूचिस्तान ही नहीं बल्कि सिंध प्रांत में भी कुछ इसी तरह के हालात देखने को मिल रहे हैं. इसके अलावा पंजाब प्रांत में पानी की समस्या हर बीतते दिन के साथ बढ़ती जा रही है. पंजाब में 1,27,800 क्यूसेक पानी की जरूरत है, जबकि उसे 53,100 क्यूसेक पानी की ही आपूर्ति हो पा रही है. राज्य में 75 फीसदी तक पानी की कमी का सामना लोगों को करना पड़ रहा है.
अंधेरे में खाली पेट रहने को मजबूर लोग
इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) में जो हालात बनते जा रहे हैं, वो श्रीलंका (Sri Lanka) की तरह ही नजर आ रहे हैं. देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस हद तक कम हो गया है कि हफ्ते भर के आयात के लिए भी काफी नहीं है. बिजली संकट के चलते देश के कई राज्यों के शहर अंधेरे में डूबे हुए हैं. लोगों को खाना पकाने के लिए एलपीजी गैस नहीं मिल रही है. 25 फीसदी के करीब पहुंची महंगाई दर के बीच कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 10,000 पाकिस्तान रुपये तक पहुंच गई है. बीते दिनों सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और फोटो में देखने को मिला था कि गैस की किल्लत के चलते लोग प्लास्टिक बैग्स में एलपीजी स्टोर करने को मजबूर हैं.
Pak कर रहा आटे का अकाल का सामना
अब बात करते हैं सबसे बड़ी समस्या की...यानी लोगों के पेट की आग की, तो बता दें गेहूं की देश में बड़ी किल्लत हो चुकी है और आटे के दाम आसमान पर पहुंच चुके हैं. कई शहरों में आटे की कीमत 150 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम पर है. लोगों की थाली से रोटी गायब हो रही है और अपने व अपने परिवार का पेट भरने के लिए लोग आटा लदे ट्रकों के पीछे कई किलोमीटर तक भागने को मजबूर हैं और एक-एक बोरी आटे के लिए मरने-मारने को भी तैयार नजर आ रहे हैं.
IMF ने दिया जोर का झटका
फाइनेंशियल क्राइसिस से जूझ रहे पाकिस्तान के सामने श्रीलंका की तरह ही डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में देश की सरकार अमेरिका-यूएई समेत दूसरे देशों से मदद की गुहार लगा रहा है. पाकिस्तान को 10 अरब डॉलर के विदेशी ऋण की तत्काल जरूरत है. इसके लिए वो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मदद की आस कर रहा था. रिपोर्ट की मानें तो आईएमएफ ने पाकिस्तान को कर्ज देने से इनकार कर दिया है. आईएमएफ ने संकटग्रस्त देश की मदद के लिए बचाव दल भेजने से भी साफ इनकार किया है. पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने IMF से समीक्षा पूरी करने के लिए एक टीम भेजने का अनुरोध किया था.