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Pakistan Crisis: IMF को रिझाने के लिए कुछ भी कर रहा है पाकिस्तान! नया टैक्स थोपने की तैयारी... जनता का क्या होगा?

दिवालिया (Default) होने की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान के लिए IMF की मदद बेहद जरूरी है और बदहाल हालातों के बीच देश की जनता पर सरकार नया टैक्स लगाने के लिए तैयार है. ये टैक्स IMF की शर्तों का ही एक हिस्सा है, जिसे लागू करना पाकिस्तान की मजबूरी बनती जा रही है.

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पाकिस्तान की जनता पर बोझ बढ़ाने की तैयारी
पाकिस्तान की जनता पर बोझ बढ़ाने की तैयारी

अब तक के सबसे बड़े आर्थिक संकट (Economic Crisis) का सामना कर रहे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) के हालात किसी से छिपे नहीं हैं. सरकार का खजाना खाली होता जा रहा है और देश के सामने दिवालिया होने का खतरा बढ़ गया है. पांच दशक के उच्च स्तर पर पहुंच चुकी महंगाई (Pak Inflation) के बीच देश की जनता पर एक-एक दिन भारी पड़ रहा है, वहीं देशवासियों की मुश्किलें सुलझाने के बजाय सरकार उनपर नया टैक्स (New Tax In Pakistan) थोपने की तैयारी कर रही है. 

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हर दिन बिगड़ रहे आर्थिक हालात
बात करें देश की आर्थिक स्थिति की, तो पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan Forex Reserve) तीन अरब डॉलर के नीचे पहुंच गया है. ये आंकड़ा 1998 के बाद से सबसे कम है और एक महीने के आयात के लिए भी कम है. महंगाई 25 फीसदी होने से जनता रोजमर्रा के जरूरी सामानों के लिए जूझ रही है. आटे के अकाल के बीच लोगों की थाली से रोटी तो पहले ही गायब होती जा रही थी, अब दूध, चाय से लेकर पेट्रोल-डीजल तक की मारामारी है. पाकिस्तानी करेंसी को देखें तो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले (Pakistani Rupya Vs Dollar) ये लगातार कमजोर होती जा रही है. फिलहाल, पाकिस्तानी रुपया का मूल्य डॉलर के मुकाबले 275 रुपये तक पहुंच गया है. यही नहीं खराब आर्थिक हालातों के बीच पाकिस्तान को संकट के उबारने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है. 

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IMF की कड़ी शर्तें मानने को तैयार!
अब पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मदद की उम्मीद बची है और इसके लिए शहबाज शरीफ सरकार उसकी कड़ी शर्तों को मामने के लिए भी राजी होती नजर आ रही है. लेकिन मदद से पहले ही आईएमएफ की शर्तें पाकिस्तान पर भारी पड़ने लगी हैं. यहां बता दें पाकिस्तान ने 2019 में 6 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के लिए साइन किया था. इस डील के 1.1 अरब डॉलर की पहली किस्त दिसंबर से रुकी हुई है और सरकार इसे रिलीज कराने के हर संभव प्रयास कर रही है. 

दिवालिया होने से बचने का जुगाड़
दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके देश के लिए आईएमएफ की ये मदद बेहद जरूरी है. लेकिन ऐसे हालातों के बीच, जबकि देश की जनता रोटी-पानी से लेकर चाय तक के लिए मोहताज है. सरकार अब उसके ऊपर 170 अरब रुपये का नया टैक्स लगाने का प्लान बना रही है. ये टैक्स IMF की शर्तों का ही एक हिस्सा है, जिसे लागू करना पाकिस्तान की मजबूरी बनती जा रही है. इस संबंध में जारी पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, नए टैक्स लागू करने के लिए 1 मार्च 2023 की आखिरी तारीख तय की गई थी, जिसे घटा दिया गया है. साफ है कि आने वाले दिन पाकिस्तानियों पर भारी पड़ने वाले हैं. 

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Tax वसूलने के लिए ये प्लान
पाकिस्तानी जनता से नए टैक्स की वसूली करके 170 अरब रुपये जुटाए जाएंगे और फॉरेन करेंसी के एक्सचेंज रेट को मार्केट के हिसाब से तय किया जाएगा. सरकार के इस फैसले से डॉलर की वैल्यू और बढ़ेगी और पाकिस्तानी रुपया (Pakistani Rupya) कमजोर होने से महंगाई और बढ़ जाएगी. शर्तों के हिसाब से देखें तो पाकिस्तान को 30 जून को समाप्त होने वाले इस वित्तीय वर्ष के शेष साढ़े चार महीने की अवधि में 170 अरब रुपये का अतिरिक्त रेवेन्यू जुटाना है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, संघीय राजस्व बोर्ड (FBR) ने दो अध्यादेशों का मसौदा तैयार किया है.

इसके तहत बैंकिंग लेन-देन पर विदहोल्डिंग टैक्स में बड़ोतरी, विलासिता और गैर-जरूरी सामानों के आयात पर नियामक शुल्क की दरों में वृद्धि के अलावा सामान्य बिक्री कर को 1% बढ़ाकर 4.5% करना, बिजली की दरों में इजाफा, एक मार्च से निर्यातकों को दी जाने वाली 65 अरब रुपये की बिजली सब्सिडी बंद करने के अलावा किसान पैकेज खत्म कर सकती है.

 

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