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RAW के पूर्व चीफ अमरजीत सिंह दुलत का दावा, पाकिस्तान को मुसीबत से बचा सकते हैं PM मोदी

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के पूर्व प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ा सकते हैं. पाकिस्तान इस वक्त अब तक के सबसे बुरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एएस दुलत (फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एएस दुलत (फाइल फोटो)

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के पूर्व प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत (AS Dulat) ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) किसी न किसी स्तर पर पाकिस्तान को आर्थिक संकट (Ecnomic Crisis) से उबार सकते हैं.

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दरअसल पाकिस्तान पिछले कुछ महीनों से गंभीर वित्तीय चुनौतियों से जूझ रहा है और फंड की सख्त जरूरत है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है. इस वजह से वो जरूरत की तमाम वस्तुओं को आयात करने में सक्षम नहीं है. कई घरेलू सामानों की ऊंची खुदरा कीमतों के कारण पहली बार पाकिस्तान की साप्ताहिक मुद्रास्फीति 40 प्रतिशत के पार चली गई है. प्याज, चिकन, अंडे, चावल, सिगरेट और ईंधन की कीमतें आसमान छू रही हैं. 

पड़ोसियों को जोड़े रखने की जरूरत

न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में अमरजीत सिंह दुलत ने कहा- 'मुझे लगता है कि पीएम मोदी इस साल के अंत में किसी न किसी स्तर पर पाकिस्तान की ओर रुख कर सकते हैं. थोड़ा और सार्वजनिक जुड़ाव के साथ बातचीत को खुला रखना अनिवार्य था. पाकिस्तान से बात करने के लिए हर समय सबसे अच्छा समय होता है. हमें अपने पड़ोसियों को जोड़े रखने की जरूरत है.'

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दुलत ने कहा कि मेरा अनुमान है कि इस साल पीएम मोदी पाकिस्तान को उबार लेंगे. हालांकि, उन्होंने कहा कि मुझे अंदर की कोई जानकारी नहीं है, लेकिन यह मेरा अनुमान है. जहां भारत ने अमेरिका के साथ संबंधों में सुधार किया है, वहीं उसके पड़ोसी अधिक महत्वपूर्ण हैं.

जनता की भावना अहम

इससे पहले भारत ने संकेत दिया था कि वह नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को वित्तीय सहायता नहीं दे सकता है. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान की मदद करने या न करने पर फैसला लेने से पहले भारत स्थानीय जनभावना को देखेगा. अगर मुझे किसी बड़े फैसले को देखना है जो मैं कर रहा हूं, तो मैं यह भी देखूंगा कि जनता की भावना क्या है. मुझे पता चलेगा कि मेरे लोग इसके बारे में क्या महसूस करते हैं और मुझे लगता है कि आप इसका जवाब जानते हैं.

महंगाई दर

पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (PBS) के मुताबिक, केले, चिकन, चीनी, खाना पकाने का तेल, गैस और सिगरेट कीमतों में भारी उछाल आया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि संवेदनशील प्राइस इंडेक्स (एसपीआई) द्वारा मापी गई शॉर्ट टर्म मुद्रास्फीति 23 फरवरी को समाप्त सप्ताह के लिए साल-दर-साल आधार पर बढ़कर 41.54 प्रतिशत हो गई, जो पिछले सप्ताह में 38.42 प्रतिशत थी.

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विदेशी मुद्रा भंडार

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 2022 से कम हो रहा है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, फरवरी के तीसरे सप्ताह के दौरान कुल विदेशी मुद्रा भंडार केवल आठ बिलियन डॉलर था, जो तीन सप्ताह के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है.

 

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