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बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) में हालात बदतर बने हुए हैं और संकट से उबरने के लिए सरकार कुछ भी कर गुजरने को तैयार नजर आ रही है. यहां तक कि IMF ने मदद के लिए जो कड़ी शर्तें रखी हैं, न चाहते हुए भी उन्हें मानताी जा रही है. इस सबसे बीच पहले से महंगाई (Pakistan Inflation) की आग में झुलस रही जनता पिसती जा रही है. हाल ही में टैक्स की बड़ी मार के बाद अब पाकिस्तान में बैंक जो कदम उठाने जा रही है वो लोगों की मुश्किलें और बढ़ने वाला है.
200 BPS बढ़ सकती है ब्याज दर!
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की तैयारी की जा रही है और ये 20-50 बेसिस प्वाइंट की नहीं, बल्कि पूरे 200 BPS की वृद्धि हो सकती है. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक State Bank Of Pakistan अगले हफ्ते ऑफ-साइकिल समीक्षा में ब्याज दरों में 200 बेसिस प्वाइंट के इजाफे की तैयारी कर रहा है. वित्तीय संकट में फंसे पड़ोसी देश में मौजूदा ब्याज दर 17 फीसदी है. दूसरे शब्दों में कहें तो चरम पर पहुंची महंगाई के चलते पहले से रोटी-तेल-गैस समेत अन्य जरूरी सामानों को तरशती देश की जनता को तगड़ा झटका लगने वाला है.
Pak जैसा कदम भारत में उठता तो...
पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक जो कदम उठाने जा रहा है, उससे देश के लोगों की मुश्किलें बढ़नी तो तय है, लेकिन भारत से तुलना करें तो अगर इस तरह की वृद्धि भारत में की जाती, तो कोहराम मच जाता. भारत में भी उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई को काबू में करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को कड़े फैसले लेने के मजबूर होना पड़ा है. इसके तहत आरबीआई ने बीते साल लगातार 5 बार ब्याज दरें बढ़ाईं और इस साल की पहली एमपीसी बैठक में भी रेपो रेट को बढ़ाने का ऐलान किया था. रेपो रेट में छह बढ़ोतरी के बाद कुल 2.50 फीसदी का इजाफा किया गया है और ये 6.50 फीसदी पर पहुंच गया है. लेकिन पाकिस्तान में जो तैयारी की जा रही है, वो इस आंकड़े से करीब 8 गुना ज्यादा है.
IMF ने किया दरें बढ़ाने का समर्थन
रॉयटर्स के मुताबिक, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan Forex Reserve) 3 अरब डॉलर से भी नीचे पहुंच चुका है और इसमें लगातार गिरावट आ रही है. आईएमएफ से मिलने वाली 1.1 अरब डॉलर की मदद अटकी हुई है, हालांकि चीन ने देश को 70 करोड़ डॉलर की मदद देने का भरोसा दिलाया है, देखा जाए तो ये वर्तमान हालातों से निपटने में नाकाफी है. पाकिस्तान IMF फंडिंग हालिस करने के लिए तमाम उपाय कर रहा है. इनमें करों को बढ़ाना, सब्सिडी को हटाना समेत अन्य शामिल हैं. अब ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला भी इसी दिशा में उठाया जा रहा कदम है.
पाकिस्तान में IMF Resident Representative एस्थर पेरेज रुइज (Esther Perez Ruiz) ने इस कदम को लेकर कहा है कि वैश्विक संगठन भी पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए मौद्रिक नीति (Monetary Policy) के इस्तेमाल का समर्थन करता है.
40% के पार महंगाई मचा रही कोहराम
पाकिस्तान में महंगाई की मार को देखें तो मुद्रास्फीति दर 40% के पार पहुंच चुकी है और लोगों की थाली से रोटी-दाल-चावल गायब होते जा रहे हैं. गैस से लेकर पेट्रोल-डीजल तक के दाम आसमान पर पहुंच चुके हैं. संकट से घिरे देश में जरूरी सामानों की कीमतों में लगातार वृद्धि के बाद 23 फरवरी को समाप्त सप्ताह के लिए साल-दर-साल आधार पर 41.54% की वृद्धि के साथ मुद्रास्फीति में एक नया हाई लेवल छुआ. इससे पिछले सप्ताह देश में महंगाई दर 38.42% के उच्च स्तर पर थी. देश में आटा-दूध के दाम 150 रुपये प्रति किलो/लीटर पर पहुंच गए हैं, तो पेट्रोल की कीमत 272 रुपये प्रति लीटर हो गई है.
आंकड़ों में देखें महंगाई का हाल (23 फरवरी 2023 तक)
आइटम सालाना आधार पर वृद्धि (% में)
प्याज 372
चिकन 101.86
डीजल 81.36
अंडे 81.22
टमाटर 65.30
टूटे चावल 73.05
पल्स ग्राम 56.93
ब्रेड 55.36
केला 67.68
मूंग दाल 67.98
सैनिकों का हाल-बेहाल
सरकार की ओर से देश का खजाना बचाने के लिए जो कम उठाए गए हैं, उनके आम जनता, सरकारी कर्मचारी से रईस लोगों से लेकर पाकिस्तान की सेना तक प्रभावित हुई है. देश की सेना आपूर्ति में कटौती के चलते कथित तौर पर मेस में भोजन की कमी का सामना कर रही है यानी सैनिकों को 'दो वक्त का खाना' भी ठीक से नहीं मिल रहा है. शहबाज शरीफ सरकार ने विदेशी मिशनों की संख्या में कटौती के साथ ही कार्यालयों और कर्मचारियों की संख्या घटाने के आदेश भी दिए हैं.
सरकार ने पैसे बचाने को उठाए ये कदम
पाकिस्तान सरकार ने कॉस्ट कटिंग फॉर्मूला अपनाते हुए मंत्रियों और सलाहकारों से इकॉनोमी क्लास में यात्रा करने, लग्जरी कारों और वेतन भत्तों को छोड़ने का आदेश दिया है, इससे सरकार को 200 अरब रुपये सालाना की बचत होने का अनुमान है. इसके अलावा सरकारी कार्यालयों को खर्च में 15% की कमी करने का निर्देश भी दिया गया है. बीते दिनों IMF की शर्त मानते हुए देश में नया टैक्स थोपा गया है.
इसके बाद कारों और घरेलू उपकरणों से लेकर चॉकलेट और ब्यूटी प्रोडक्ट्स तक के आयात पर बिक्री कर 17% से बढ़ाकर 25% कर दिया गया है. बिजनेस क्लास हवाई यात्रा, शादी हॉल, मोबाइल फोन और धूप के चश्मे के लिए भी लोगों को ज्यादा पैसा खर्च करना होगा. वहीं सामान्य सेल्स टैक्स को 17% से बढ़ाकर 18% किया गया है.