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भारत से दुश्मनी पड़ रही भारी, एक साल में डेढ़ गुना हुआ कर्ज... तबाह होते पाकिस्तान की कहानी!

पाकिस्तान में आटा और दवाइयों का संंकट पैदा हो गया है. पिछले साल आई बाढ़ के बाद से अभी पाकिस्तान संभल नहीं पाया था कि आर्थिक संकट ने उसे और बैकफुट पर धकेल दिया है. पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है. लोगों को जरूरत की चीजों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

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भारत-पाकिस्तान के बीच बंद है व्यापार.
भारत-पाकिस्तान के बीच बंद है व्यापार.

आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) के लिए अब जरूरत की वस्तुओं का आयात (Import) मुश्किल होता जा रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट की वजह से बड़े पैमाने पर आयात ठप हो चुका है. इस वजह से रोजमर्रा की चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं. महंगाई का आलम ये है कि 20 किलो आटा 3100 रुपये में मिल रहा है. इस आर्थिक संकट के दौरान पाकिस्तान के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोगों की जरूरतों को पूरा करने की है.

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पाकिस्तान ने हाल ही में रूस से गेहूं का आयात किया है. लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार में आ रही गिरावट पाकिस्तान को आयात पर प्रतिबंध लगाने पर मजबूर कर सकती है. भारत, पाकिस्तान का पड़ोसी, लेकिन दोनों देशों के बीच व्यापार बंद है. अगर दोनों देशों के रिश्ते अच्छे होते और व्यापार जारी रहता, तो हो सकता है कि पाकिस्तान को जरूरत की चीजों के आयात के लिए कम विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ती. 

पाकिस्तान ने तोड़ा था नाता

दरअसल, भारत सरकार ने 2019 में जम्मू-कश्मीर में लागू संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया था. इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान ने भारत से अपने कारोबारी रिश्ते खत्म कर दिए थे. पिछले साल पाकिस्तान में जब बाढ़ ने तबाही मचाई, तो खेती का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया. इसके बाद अनाज,सब्ज़ियां, फल और दूसरे खाद्य पदार्थों की किल्लत की आशंका जताते हुए पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने भारत से सब्ज़ियों और खाने-पीने की दूसरी चीजों के आयात पर लगे प्रतिबंध खत्म करने के संकेत दिए थे.

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इन चीजों का होता था आयात-निर्यात

2019 से पहले पाकिस्तान और भारत के बीच फलों, सब्जियों, कपड़े, डीक्राफ्ट, जिप्सम, मार्बल, नमक, मसालों, आर्टिफिशियल ज्वैलरी जैसी करीब 100 से अधिक वस्तुओं का आयात निर्यात होता था. ज्यादातर ट्रेड वाघा बॉर्डर के जरिए होता था. लेकिन पाकिस्तान ने 2019 में इसे खत्म कर दिया. भारत भारी मात्रा में पाकिस्तान को दवाइयां भी निर्यात करता आया है. United Nations COMTRADE database के आंकड़े अनुसार, भारत ने साल 2021 में 194.22 मिलियन डॉलर के फॉर्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स पाकिस्तान को एक्सपोर्ट किए थे. लेकिन पाकिस्तान ने खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार लिया है. 

पिछले कुछ वर्षों में किस तरह से पाकिस्तान की आर्थिक सेहत बिगड़ी है, इस आंकड़ों में जगजाहिर है. जनवरी 2022 के मुकाबले अब महंगाई चरम पर पहुंच गई है. शहरी फूड इंफ्लेशन जनवरी-2022 में 13.3 फीसदी थी, जो अब दिसंबर 2022 में बढ़कर 32.7 फीसदी हो गई. जबकि कंजूमर प्राइस इंफ्लेशन जनवरी-2022 में 13 फीसदी पर थी, जो दिसंबर-2022 में 24.5 फीसदी तक पहुंच गई. शहरी खाद्य महंगाई में करीब ढाई गुना बढ़ गई है. जबकि कंजूमर प्राइस इंफ्लेशन 100 फीसदी बढ़ी है. 
 

महंगाई से कहराता पाकिस्तान!

 

 

वहीं पाकिस्तान में जीडीपी के मुकाबले कर्ज में पिछले एक साल के दौरान 50 फीसदी का इजाफा हुआ है. 

कर्ज में डूबता पाकिस्तान!

 

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दवाइयों की कालाबजारी

मुश्किल दौरे से गुजर रहे पाकिस्तान में दवाइयों का भी संकट पैदा हो गया है. एक स्थानीय अखबार ने अपनी खबर में दावा किया है कि पाकिस्तान में जीवन रक्षक दवाओं की किल्लत हो गई है. हालात इतने बदतर हो गए हैं कि डायबिटीज के मरीजों के लिए इंसुलिन तक मिलना मुश्किल हो गया है.

दवाई कंपनियों को कहना है कि उन्हें कच्चा माल मिलने में मुश्किल हो रही है. अगर हालात ऐसे ही रहे, तो 40 रुपये की दवाई 60 रुपये में भी नहीं मिल पाएगी. मार्केट से खत्म होती दवाइयों की वजह से कालाबाजारी बढ़ गई है. अगर भारत के साथ आज पाकिस्तान के संबंध अच्छे होते, तो भारत आसानी से दवाइयों की सप्लाई कर पाता और पाकिस्तान को इस संकट में जरूर राहत मिलती. 

पाकिस्तान में आटे का संकट

साल 2021 में पाकिस्तान ने भारत से 362.78 हजार डॉलर की कीमत का अनाज, आटा, स्टार्च, और मिल्क प्रोडक्ट्स जैसी वस्तुओं का आयात किया था. फिलहाल पाकिस्तान आटा की भारी किल्लत से जूझ रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा में 20 किलो आटे का एक बैग 3,100 रुपये और क्वेटा में 2,800 रुपये में बिक रहा है. क्योंकि सरकार कीमतों को नियंत्रित करने में विफल रही है. कराची में आटा 140 रुपये किलो से 160 रुपये किलो बिक रहा है. इस्लामाबाद और पेशावर में 10 किलो आटे की थैली 1500 रुपये किलो में बिक रही है.

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अगर दोनों देशों के बीच व्यापार के दरवाजे खुले होते, तो भारत से आटे जैसी वस्तुएं पहुंचतीं और पाकिस्तान को शायद इतना भारी संकट से नहीं जूझना पड़ता. लेकिन फिलहाल तो ऐसा कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा. अगर दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे होते, तो पाकिस्तान के पास कम समय में जरूरत की तमाम चीजें भारत से पहुंच जातीं और इनकी लागत भी कम होती.

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