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आटे के लिए मारामारी, बेलगाम महंगाई, खत्म होता विदेशी मुद्रा भंडार... मुश्किल वक्त में पाकिस्तान का अब अपनों ने छोड़ा साथ

पाकिस्तान की जनता बेलगाम महंगाई से परेशान है. आटे के लिए मारामारी की स्थिति बन गई है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी तेजी से खत्म होता जा रहा है. दुनिया की ओर टकटकी लगाए पाकिस्तान को अब उसके अपनों ने ही बड़ा झटका दिया है. इस मुश्किल वक्त में पाकिस्तान का साथ विदेशों में रहने वाले उसके अपने नागरिक भी छोड़ते नजर आ रहे हैं.

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पाकिस्तान में आटे के लिए मारामारी (फाइल फोटो)
पाकिस्तान में आटे के लिए मारामारी (फाइल फोटो)

पाकिस्तान (Pakistan) अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहा है. बेतहाशा बढ़ती महंगाई, आटे के लिए मारामारी और खत्म होते विदेशी मुद्रा भंडार के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को एक और जोर का झटका लगा है. इस संकट के समय में दूसरों की कौन कहे, पाकिस्तान के अपने भी उसका साथ छोड़ रहे हैं जिससे अर्थव्यवस्था मंझधार में फंस गई है.

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चरमराती अर्थव्यवस्था के बीच विदेशों में काम करने वाले पाकिस्तानी नागरिकों ने अपने देश पैसे भेजने कम कर दिए हैं. इसमें लगातार गिरावट आ रही है. ऐसा हम नहीं, आंकड़े कह रहे हैं. दिसंबर के महीने में सिर्फ दो अरब डॉलर की रकम विदेशों में काम करने वाले पाकिस्तानी नागरिकों ने भेजी है. ये 31 महीनों के आंकड़े पर नजर डालें तो सबसे निचला स्तर है. हालात इतने गंभीर हैं कि पाकिस्तान के लोगों को जरूरत की चीजें नहीं मिल पा रही हैं. 

दिसंबर में आई इतनी गिरावट

पाकिस्तान के अखबार 'द डॉन' में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) ने बताया कि विदेशों से पाकिस्तान भेजी गई राशि दिसंबर 2022 में 2.04 अरब डॉलर रही है. ये एक साल पहले इसी अवधि के दौरान 2.52 अरब डॉलर रही थी, जिसकी तुलना में 19 फीसदी की गिरावट आई है.

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विदेशों से आने वाली रकम में आई कमी
विदेशों से आने वाली रकम में आई कमी

पिछले छह महीनों में कितनी घटी रकम?

विदेशों से पाकिस्तान आने वाली रकम के आंकड़े को देखें, तो नवंबर 2022 में 2.10 अरब डॉलर रही थी. दिसंबर के महीने में इसमें तीन फीसदी की गिरावट आई है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने जारी एक बयान में कहा कि फाइनेंसियल ईयर 2022-23 के पहले छह महीने (जुलाई-दिसंबर) में विदेशों में काम कर रहे पाकिस्तानी नागरिकों ने कुल 14 अरब डॉलर की रकम भेजी है. ये पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 11 फीसदी कम है. 

सऊदी अरब और यूएई से कितनी रकम आई?

आंकड़ों पर नजर डालें, तो सऊदी अरब में काम करने वाले पाकिस्तानी नागरिकों ने दिसंबर 2022 में 51.6 करोड़ डॉलर की रकम अपने घर भेजी है. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से पाकिस्तानी नागरिकों ने 32.9 करोड़ डॉलर की रकम भेजी है. पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में आ रही कमी का एक कारण इसे भी बताया जा रहा है.

पाकिस्तान की आर्थिक हालत गंभीर

पाकिस्तान विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहा है. इस वजह से वो जरूरत की कई चीजों का आयात नहीं कर पा रहा है. पाकिस्तान में स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि लोगों को आटा तक नहीं मिल पा रहा और अगर मिल भी रहा है, तो 20 किलो के लिए तीन हजार रुपये से अधिक की कीमत चुकानी पड़ रही है. 

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जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में 6 जनवरी 2022 के मुकाबले 6 जनवरी 2023 को प्याज की कीमत 36.7 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 220.4 रुपये प्रति किलो, बॉयलर चिकन की औसत कीमत 210.1 रुपये प्रति किलो से 383.5 रुपये प्रति किलो, नमक का दाम 32.9 रुपये प्रति किलो से 49.1 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया था. बासमती चावल की कीमत इस अवधि में 100.3 रुपये से बढ़कर 146.6 रुपये प्रति किलो, सरसों के तेल का दाम 374.6 रुपये प्रति लीटर से उछलकर 532.5 रुपये तक पहुंच गया था.

 

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