नए साल में सरकार आपको एक बड़ा तोहफा देने जा रही है. उसने तेल कंपनियों से कहा है कि दुनिया भर में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा जनता को मिले. पिछले कुछ समय से कच्चे तेल की कीमतें लगातार गिर रही हैं. इस महीने इसमें लगभग 10 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट दर्ज की गई है.
लेकिन एक दूसरी समस्या भी आई है और वह कि रुपये की कीमत डॉलर की तुलना में लगातार गिरती जा रही है. इससे आम आदमी को उतना फायदा नहीं पहुंचेगा जितना इस गिरावट के बाद पहुंचना चाहिए था. सरकार चाहती थी कि जनता को ज्यादा फायदा पहुंचे लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है.
लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें कितनी गिरेंगी, यह कहना मुश्किल है. अंदाजा है कि यह गिरावट दो से तीन रुपये तक हो सकती है. तेल कंपनियों के पास इस समय काफी बड़ा फंड इकट्ठा हो गया है जो उन्होंने भविष्य के लिए बचा रखा है. वे इसमें कटौती नहीं चाहतीं. इसलिए बहुत ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं है.
तेल कंपनियों ने जुलाई से अब तक पेट्रोल की कीमतों में 12 रुपये और डीजल की कीमतो में 8.50 रुपये तक की गिरावट की है. बीजेपी इसका जमकर प्रचार कर रही है. वह इसका फायदा विधानसभा चुनाव में उठाना चाहती है.
कच्चे तेल की कीमत जून के मुकाबले आधी
कच्चे तेल की कीमतों में और कमी हो गई है. विश्लेषकों ने नए साल में कीमत में सुधार का अनुमान जताया है. गौरतलब है कि कच्चे तेल की कीमत में जून के मुकाबले करीब 50 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है.
फरवरी की डिलिवरी के लिए अमेरिकी ब्रेंट वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 38 सेंट फिसल कर 53.74 डॉलर जबकि इसी माह की डिलिवरी के लिए ब्रेंट 49 सेंट घटकर 57.41 डॉलर पर आ गया. नए साल के पहले दिन की छुट्टी से पहले कारोबार बहुत कम हुआ हैं. जापान, इंडोनेशिया, फिलिपीन, दक्षिण कोरिया और थाइलैंड आज बंद हैं.