
दिसंबर 2018 को शुरू की गई पीएम-किसान योजना के तहत 9.9 करोड़ से भी अधिक किसानों को 75,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रत्यक्ष नकद लाभ प्रदान किया गया है.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की छठी किस्त के तहत 8.5 करोड़ से भी अधिक किसानों को 17,100 करोड़ रुपये की राशि जारी की. इसके तहत किसानों को हर साल दो-दो हजार रुपये की तीन किस्तों में कुल 6 हजार रुपये की सहायता दी जाती है.
दरअसल, पीएम मोदी ने इसी के साथ 'कृषि अवसंरचना कोष' के तहत एक लाख करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा का उद्घाटन किया. यह फंड फसलों की कटाई के बाद फसल प्रबंधन अवसंरचना और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के सृजन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया जा रहा है.
मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये किसानों को संबोधित किया. इसमें देशभर के किसान, सहकारी समितियां और नागरिक जुड़े. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी इस कार्यक्रम में शामिल थे.
इसे पढ़ें: 7 महीने में ही आर्थिक मोर्चे पर चीन से बढ़ीं दूरियां, ये आंकड़े गवाह!
सरकार का मानना है कि ये परिसंपत्तियां किसानों को अपनी उपज का अधिक मूल्य प्राप्त करने में सक्षम करेंगी. इन परिसंपत्तियों की बदौलत किसान अपनी उपज का भंडारण करने और ऊंचे मूल्यों पर बिक्री करने, बर्बादी को कम करने, और प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन में वृद्धि करने में समर्थ हो सकेंगे.
इन परियोजनाओं की व्यवहार्यता या लाभप्रदता बढ़ाने के लिए लाभार्थियों को तीन प्रतिशत ब्याज सब्सिडी और दो करोड़ रुपये तक की ऋण गारंटी दी जाएगी. योजना के लाभार्थियों में किसान, पीएसीएस, विपणन सहकारी समितियां, एफपीओ, एसएचजी, संयुक्त देयता समूह (जेएलजी), बहुउद्देशीय सहकारी समितियां, कृषि-उद्यमी, स्टार्ट-अप्स, और केंद्रीय/राज्य एजेंसी अथवा स्थानीय निकाय द्वारा प्रायोजित सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजनाएं शामिल होंगी.
इसे भी पढ़ें: डॉलर से भर रहा है भारत का खजाना, 31 जुलाई तक बना रिकॉर्ड
सरकार का कहना है कि किसान सम्मान निधि ने किसानों को अपनी कृषि आवश्यकताओं को पूरा करने और अपने-अपने परिवारों को आवश्यक सहारा देने में सक्षम बनाया है. सरकार का कहना है कि लॉकडाउन अवधि के दौरान किसानों की सहायता के लिए लगभग 22,000 करोड़ रुपये जारी किए गए.