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एयरपोर्ट है या बागीचा! 5000 करोड़ में तैयार कैंपेगोड़ा हवाई अड्डे का टर्मिनल-2, PM Modi करेंगे उद्घाटन

PM Narendra Modi जिस कैंपेगोड़ा हवाई अड्डे के टर्मिनल 2 का उद्घाटन करने वाले हैं, उसे बेंगलुरु के गार्डन सिटी के रूप में ही डिजाइन किया गया है. इस टर्मिनल में आने वाले यात्री बिल्कुल इस तरह का एहसास होगा कि वे बागीचे में टहल रहे हैं. इसकी कुछ शानदार तस्वीरें भी शेयर की गई हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 नवंबर को करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 नवंबर को करेंगे उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 11 नवंबर को बेंगलुरु के कैंपेगोड़ा हवाई अड्डे के नवनिर्मित टर्मिनल-2 (Kempegowda Airport Terminal-2) का उद्घाटन करेंगे. इसे करीब 5,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. यह टर्मिनल यहां से हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए बेहद लाभदायक होगा और इससे एयरपोर्ट की यात्रियों को संभालने की क्षमता के साथ ही चेक-इन और इमिग्रेशन के लिए काउंटर दोगुना हो जाएंगे.

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108 फीट की प्रतिमा का अनावरण

कैंपेगोड़ा एयरपोर्ट (Kempegowda Airport) की यात्रियों को संभालने की क्षमता फिलहाल सालाना आधार पर 2.5 करोड़ है, जो टर्मिनल-2 के जरिए बढ़कर करीब 5-6 करोड़ सालाना हो जाएगी. इसके साथ ही बताया जा रहा है कि पीएम मोदी इसी दिन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा परिसर में लगाई जा रही बेंगलुरु के संस्थापक कैंपेगौड़ा की 108 फीट ऊंची कांस्य की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे.

गार्डन की तरह डिजाइन किया गया टर्मिनल-2
गार्डन की तरह डिजाइन किया गया टर्मिनल-2

टर्मिनल-2 की तस्वीरें साझा

बेंगलुरु के इस हवाई अड्डे ने पहले से ही पूरे परिसर में अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) के 100 फीसदी उपयोग के साथ एक बेंचमार्क स्थापित किया है. इस नए बने टर्मिनल 2 की तस्वीरें भी जारी की गई हैं, जो देखने में बेहद आकर्षक लग रही हैं. इन तस्वीरों हैंगिंग गार्डन, हरी भरी घास और फूलों से सजी दीवारें एक अलग एहसास दिलाने वाली हैं. 

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इसे बनाने में स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल
इसे बनाने में स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल

बागीचे में टहलने जैसा होगा एहसास

कैंपेगोड़ा हवाई अड्डे के टर्मिनल 2 को बेंगलुरु के गार्डन सिटी के रूप में ही डिजाइन किया गया है. इस टर्मिनल में आने वाले यात्री बागीचे में टहलने जैसा अनुभव करेंगे. यहां करीब 10,000 वर्गमीटर से ज्यादा एरिया में हरी-भरी दीवारों, लटकते बगीचों और बाहरी उद्यानों से चहलकदमी करते हुए हुए यात्री निकलेंगे. इन बागीचों को स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके भारत में बनाया गया है.


 

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