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MGNREGA Wage Rates: लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने खोला खजाना... अब मनरेगा मजदूरों को मिलेगा ज्यादा पैसा

MGNREGA Wage Rates : सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 2023-24 की तुलना में 2024-25 के लिए मजदूरी दर में सबसे कम 3 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि गोवा (Goa) में सबसे ज्यादा मजदूरी 10.6 फीसदी तक बढ़ाई गई है.

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सरकार ने किया मनरेगा मजदूरी की दरों में इजाफा
सरकार ने किया मनरेगा मजदूरी की दरों में इजाफा

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Govt) ने 'महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना' (MGNREGA) के तहत काम करने वाले मजदूरों को बड़ा तोहफा दिया है. आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) से पहले बड़ा ऐलान करते हुए सरकार ने मनरेगा मजदूरी दर में 3 से 10 फीसदी तक का इजाफा कर दिया है. यानी अब मनरेगा मजदूरों को ज्यादा पैसा मिलेगा. इस संबंध में गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी कर जानकारी दी गई है. 

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1 अप्रैल से लागू होंगी नई दरें
PM Modi के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले वित्त वर्ष 2023-25 के लिए मजदूरी की दर में ये बढ़ोतरी 1 अप्रैल, 2024 से लागू होगी. सरकारी नोटिफिकेशन पर नजर डालें तो उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और उत्तराखंड (Uttarakhand) में मजदूरी दर में सबसे कम 3 फीसदी का इजाफा किया गया है, जबकि गोवा (Goa) में सबसे ज्यादा 10.6 फीसदी मजदूरी दर बढ़ाई गई है. गोवा में जहां मजदूरी की दर में 34 रुपये प्रति दिन की बढ़ोतरी की गई है, तो वहीं उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 7 रुपये प्रति दिन मजदूरी बढ़ाई गई है.

साल 2005 में की गई थी शुरुआत
मनरेगा (MGNREGA) प्रोग्राम की शुरुआत साल 2005 में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा की गई थी. ये रोजगार गारंटी योजना हैं और इसके तहत सरकार ने एक न्यूनतम वेतन तय करती है, जिस पर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को काम पर रखा जाता है. इसमें तालाब, गड्ढे खोदने से नालियां बनाने तक के काम शामिल होते हैं. इसमें सालभर में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जाती है. 

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बजट के दौरान किया था ये ऐलान
बीते 1 फरवरी 2024 को संसद में पेश किए गए नरेंद्र मोदी सरकार के अंतरिम बजट के दौरान सरकार ने मनरेगा का बजट (MGNREGA Budget) को बढ़ाने का ऐलान किया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने भाषण के दौरान कहा था, कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मनरेगा बजट अनुमान को बढ़ाकर 86,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है, इससे पहले  वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मनरेगा का बजट अनुमान 60,000 करोड़ रुपये था.

बीते साल राजस्थान में हुआ था सबसे ज्याद इजाफा
गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) के तहत मजदूरी की दरों में संशोधन को लेकर बीते साल 24 मार्च 2023 को नोटिफिकेशन जारी किया था. उस समय मजदूरी की दरें 7 रुपये से लेकर 26 रुपये तक संशोधित की गई हैं. बीते साल के नोटिफिकेशन के मुताबिक, मजदूरी की दरों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी राजस्थान में की गई थी और यहां पर संशोधित वेतन 231 रुपये से बढ़ाकर 255 रुपये प्रति दिन कर दिया गया था. 

रिपोर्ट्स की मानें तो चालू वित्त वर्ष के दौरान, असमान मानसून के कारण मनरेगा के तहत रोजगार की मांग में इजाफा देखने को मिल रहा है. इस लिहाज से लोकसभा चुनावों के ऐन पहले सरकार का मजदूरी बढ़ाने का ये फैसला मनरेगा से जुड़े करोड़ों लोगों के लिए एक बड़ा तोहफा है. मनरेगा की मजदूरी दरों में इस चुनावी साल में की गई बढ़ोतरी के समान ही साल 2019 में भी केंद्र सरकार ने फैसला किया था.

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अन्य राज्यों में इतना इजाफा
इसके अलावा पश्चिम बंगाल में मजदूरी दर में 5.5 फीसदी की वृद्धि की गई है और यहां पर मजदूरों को अब 237 से बढ़कर 250 रुपये प्रति दिन मिलेंगे. एनआरईजीएस मजदूरी की उच्चतम दर (374 रुपये प्रति दिन) हरियाणा के लिए तय की गई है. जबकि सबसे कम 234 रुपये प्रति दिन अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के लिए तय की गई है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, जो एनआरईजीएस के तहत समान मजदूरी दर साझा करते हैं, उन राज्यों में दर में लगभग 10 फीसदी की वृद्धि की गई है और यहां पर मजदूरी मौजूदा 221 रुपये से बढ़कर 243 रुपये प्रति दिन कर दी गई है. कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी NREGS मजदूरी में 10 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. 

टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने क्या कहा? 
TMC नेता साकेत गोखले (Saket Gokhale) ने सरकार के इस फैसले को लेकर कहा है कि यह शर्मनाक और चौंकाने वाली बात यह है कि आज मनरेगा के लिए घोषित वेतन संशोधन में, मोदी सरकार ने बंगाल में श्रमिकों के लिए मजदूरी में केवल 5% की वृद्धि की है. इसकी तुलना अन्य राज्यों में की गई बढ़ोतरी बहुत ज्यादा है. उन्होंने कहा कि 7000 करोड़ रुपये से ज्यादा की मनरेगा मजदूरी बकाया को रोकने के बाद, बंगाल विरोधी भाजपा ने फिर से पश्चिम बंगाल के लोगों को 5% मजदूरी वृद्धि के साथ दंडित करके निशाना बनाने का सहारा लिया है, जबकि भाजपा शाषित राज्यों को 10% तक की बढ़ोतरी मिली है. यह बंगाल के प्रति भाजपा की नफरत का एक और उदाहरण है.

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(ऐश्वर्या पालीवाल के इनपुट के साथ)

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