भारतीय अर्थव्यवस्था ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 8.4 फीसदी की दर से विकास करके सभी को हैरान कर दिया है. जुलाई-सितंबर के बाद अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आई तेजी भारतीय इकोनॉमी (Indian Economy) की निरंतरता की तरफ इशारा कर रही है. इसके बाद अनुमान जताया जाने लगा है कि मौजूदा तिमाही यानी जनवरी-मार्च में भी भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार जारी है. इस अनुमान का आधार जनवरी और फरवरी में आए आर्थिक इंडिकेटर्स की ग्रोथ के आंकड़े हैं. इनमें वाहन बिक्री और GST कलेक्शन से लेकर मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर तक की तेज ग्रोथ शामिल है.
कारों की बिक्री ने किया कमाल!
जनवरी 2023 से कार बाजार ने ऐसा फर्राटा लगाना शुरु किया है कि भारत में बीते 14 महीनों से हर बार मंथली सेल का नया रिकॉर्ड बन रहा है. बीते महीने अब तक की सबसे ज्यादा फरवरी सेल का कीर्तिमान बना जो ऑल टाइम हाई के मामले में भी तीसरा सबसे शानदार महीना बन गया है. बीते महीने कारों की बिक्री फरवरी 2023 के 3,35,324 से 11.3 फीसदी बढ़कर 3,73,177 यूनिट्स पर पहुंच गई.
ऐसे में किसी भी फरवरी में अबतक की सबसे ज्यादा कारों को बेचने का फरवरी 2023 का रिकॉर्ड फरवरी 2024 ने तोड़ दिया है. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी डबल डिजिट में दर्ज की जा रही है. ऐसे में इस साल जनवरी के 3,94,500 यूनिट्स और अक्टूबर 2023 के 3,91,811 यूनिट्स के मुकाबले ये किसी महीने में अब तक हुई तीसरी सबसे बड़ी बिक्री है.
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रिटेल बिक्री कम रहने से घटेगी वेटिंग!
इस बार फरवरी में कारों की रिटेल बिक्री में बीते साल की फरवरी के मुकाबले 11.3 फीसदी का इजाफा हुआ है. हालांकि ये तेजी इतनी नहीं थी कि कंपनियों से डीलर्स को भेजे जाने वाले वाहनों से आगे निकल सके. ऐसे में होलसेल बिक्री के मुकाबले इस साल फरवरी में रिटेल बिक्री थोक बिक्री के मुकाबले करीब 40 हजार यूनिट्स कम रही है. फरवरी 2023 में जहां 3,01,900 यूनिट्स की बिक्री हुई थी वहीं फरवरी 2024 में 3,35,900 यूनिट्स की बिक्री हुई है.
इस तरह बीते महीने थोक बिक्री यानी कंपनियों द्वारा डीलर्स को भेजी जाने वाली कारों की संख्या रिटेल बिक्री के मुकाबले 40 हजार यूनिट्स ज्यादा रही है. ये कारों डीलर्स के स्टॉक में शामिल हो गई है. इससे अब डीलर्स के पास 25-26 दिनों का स्टॉक मौजूद है.
5 महीने के हाई पर मैन्युफैक्चरिंग PMI
देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार भी फरवरी में बढ़कर 5 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. प्रोडक्शन और नए ऑर्डर्स के दम पर फरवरी में भारत का मैन्युफैक्चरिंग PMI बढ़ा है. HSBC भारत मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) फरवरी में 56.5 से बढ़कर 56.9 हो गया है. ये सितंबर के बाद से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सेहत के लिहाज से सबसे शानदार साल रहा है. 21 महीनों में नए एक्सपोर्ट ऑर्डर्स में भी फरवरी के दौरान सबसे मजबूत विस्तार दर्ज किया गया है. हालांकि इस दौरान इनपुट लागत आंशिक तौर पर बढ़ी है.
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GST कलेक्शन की रफ्तार बढ़ी
फरवरी में GST कलेक्शंस 12.5 फीसदी बढ़कर 1,68,337 करोड़ के स्तर पर पहुंच गए. इस तरह से अप्रैल 2023 से फरवरी 2024 तक कुल 18.40 लाख करोड़ रुपये का GST कलेक्शन हुआ है जो अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 के मुकाबले 11.7 फीसदी ज्यादा है. इस तरह से मौजूदा वित्त वर्ष में औसत मंथली GST कलेक्शन बढ़कर 1.67 लाख करोड़ रुपये हो गया है. वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में ये 1.5 लाख करोड़ रुपये था. फरवरी के दौरान सभी मुख्य राज्यों में GST कलेक्शन 8 से 21 फीसदी बढ़ा है.
तीसरी तिमाही में दमदार GDP ग्रोथ
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 8.4 फीसदी दर्ज की गई.पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि 2023-24 की तीसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत की मजबूत जीडीपी वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था की शक्ति और क्षमता को प्रदर्शित करती है. उन्होंने कहा कि तेज आर्थिक विकास को लेकर हमारे प्रयास जारी रहेंगे, जिससे 140 करोड़ भारतीयों को बेहतर जीवन जीने और एक विकसित भारत बनाने में मदद मिलेगी. तीसरी तिमाही में इस रफ्तार से जीडीपी ग्रोथ रेट का किसी ने अनुमान नहीं लगाया था.