सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) सरकार की ओर चलाई जाती है, जो छोटी बचत योजना के तहत आती है. इस योजना की शुरुआत 2015 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बेटियों को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए की गई थी. यह योजना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य माता-पिता या अभिभावकों को अपनी बालिकाओं के खर्चों को पूरा करने में मदद करना है. इस योजना का प्राइमरी लक्ष्य बेटियों की शिक्षा को पूरा करना और उनकी शादी से जुड़े वित्तीय बोझ को कम करना है.
सुकन्या समृद्धि योजना में टैक्स छूट से लेकर तगड़ा रिटर्न भी दिया जाता है. इस योजना के तहत 10 साल तक की लड़की का अकाउंट खोला जा सकता है. बेटियों के लिए इस योजना में 250 रुपये कम से कम निवेश कर सकते हैं, जबकि अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं. सुकन्या समृद्धि योजना आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट के दायरे में आती है.
कितना मिलता है ब्याज?
सुकन्या समृद्धि योजना खातों के तहत हर तिमाही आधार पर सरकार द्वारा ब्याज तय किया जाता है. SSY में इस तिमाही के लिए यानी 1 जुलाई 2024 से 30 सितंबर 2024 तक 8.2% प्रति वर्ष की दर से चक्रवृद्धि ब्याज तय किया गया है.
10 हजार निवेश पर कितना बनेगा पैसा?
अगर आपकी 5 साल की बेटी है और आप सालाना 1.2 लाख रुपये का निवेश करते हैं, जो 10,000 रुपये प्रति माह बनता है. वहीं आपको 8.2% प्रति वर्ष की ब्याज दर मिलता है तो 21 सालों के बाद सुकन्या समृद्धि योजना में अनुमानित परिपक्वता राशि लगभग 55.61 लाख रुपये होगी, जिसमें निवेशित राशि 17.93 लाख रुपये और 21 सालों के बाद अर्जित ब्याज 37.68 लाख रुपये होगा.
वहीं अगर आप 150,000 रुपये सालाना निवेश करते हैं, तो मैच्योरिटी अमाउंट 69.8 लाख रुपये होगी, 22.5 लाख रुपये के निवेश पर अर्जित ब्याज 47.3 लाख रुपये होगा.
SSY का ये भी नियम जान लीजिए
सुकन्या समृद्धि योजना की एक प्रमुख विशेषता इसकी लॉक-इन अवधि है, जो 21 वर्ष की होती है. उदाहरण के लिए अगर किसी लड़की के लिए 5 साल की आयु में खाता खोला जाता है, तो यह उसके 26 साल की आयु में परिपक्व हो जाएगा. यह लॉन्ग टर्म निवेश विकल्प न केवल वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देता है, बल्कि परिपक्वता पर उन्हें पर्याप्त अमाउंट पेश करता है.