प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narednra Modi) की सरकार उज्ज्वला योजना (PM Ujjwala Yojana) को अपनी बड़ी उपलब्धियों में से एक बताती है. यहां तक कि हालिया विधानसभा चुनाव में और खासकर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भाजपा के बेहतर प्रदर्शन से भी कई एनालिस्ट ने इस योजना को जोड़ा. अब एक आरटीआई (RTI) में इस योजना से जुड़े दिलचस्प आंकड़े सामने आए हैं, जो इसकी सफलता को लेकर कई सवाल खड़े करते हैं. आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के करोड़ों लाभार्थी सिलेंडर नहीं भरवा रहे हैं.
RTI के जवाब में हुआ खुलासा
आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ ने तीनों सरकारी तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) से लाभार्थियों को लेकर कुछ सवालों के जवाब मांगे थे. कंपनियों ने आरटीआई के जवाब में जो आंकड़े दिए, उनसे पता चलता है कि पिछले फाइनेंशियल ईयर (FY22) में यानी अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के दौरान 90 लाख लाभार्थियों ने एक बार भी सिलेंडर नहीं भराया. इनके अलावा 01 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों ने पूरे साल के दौरान सिर्फ एक सिलेंडर भरवाया.
पीएम मोदी ने की थी बलिया से शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बलिया से 01 मई 2016 को उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी. तब मार्च 2020 तक इस योजना के तहत 08 करोड़ कनेक्शन देने का टारगेट सेट किया गया था. इसके बाद उज्ज्वला योजना का दूसरा चरण भी लॉन्च किया जा चुका है. आंकड़ों के अनुसार, अभी तक देश भर में उज्ज्वला योजना के तहत 09 करोड़ से ज्यादा एलपीजी कनेक्शन दिए जा चुके हैं. दूसरे चरण में 01 करोड़ और लाभार्थियों को जोड़ने का टारगेट है.
इतने लोगों ने भरवाया सिर्फ एक सिलेंडर
आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार, मार्च 2021 तक आईओसीएल ने जितने कनेक्शन दिए, उनमें से 65 लाख लोगों ने पिछले फाइनेंशियल ईयर में सिलेंडर नहीं भरवाया. इसी तरह एचपीसीएल के 9.1 लाख और बीपीसीएल के 15.96 लाख लाभार्थियों ने एक बार भी सिलेंडर नहीं भरवाया. बीपीसीएल ने साथ ही ये भी बताया कि यह आंकड़ा सिर्फ उन कनेक्शन्स का है, जो सितंबर 2019 तक जारी किए गए थे. जिन लोगों ने पूरे साल में सिर्फ एक बार सिलेंडर भरवाया, उनमें बीपीसीएल के 28.56 लाख लाभार्थी, आईओसीएल के 52 लाख लाभार्थी और एचपीसीएल के 27.58 लाख लाभार्थी शामिल हैं.
इस कारण लोग नहीं भरा रहे सिलेंडर
आपको बता दें कि एलपीजी सिलेंडर के दाम लगातार बढ़ाए गए हैं. हाल ही में इसे 50 रुपये बढ़ाया गया था, जिसके बाद एलपीजी सिलेंडर के दाम 1000 रुपये को छूने लगे हैं. जानकारों का कहना है कि उज्ज्वला योजना के लाभार्थी महंगे एलपीजी सिलेंडर खरीदने में असमर्थ हैं. इस कारण वे सिलेंडर नहीं भरा रहे हैं और फिर से पारंपरिक चूल्हे पर खाना बनाने लगे हैं. कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 3 सिलेंडर फ्री में देने का ऐलान किया था. फ्री सिलेंडर योजना के तहत उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों ने 14.17 करोड़ सिलेंडर भरवाए थे.