लंबी दूरी की यात्रा में आरामदायक सफर की बात हो, तो भारतीय रेल (India Rail) से बेहतर कोई ऑप्शन नहीं. खास बात ये है कि तमाम सुविधाओं के साथ ट्रेन की यात्रा किफायती भी है. आपको बता दें कि पांच साल से Indian Railway ने यात्री किराए में किसी भी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं की है, यानी Train Fare यथावत है. ये हम नहीं कह रहे, बल्कि संसद में बोलते हुए खुद भारत सरकार में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बताया है. उन्होंने ये भी कहा कि भारत में ट्रेन का सफर पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश ही नहीं, बल्कि पूरे यूरोपीय देशों में सबसे सस्ता है.
PAK, बांग्लादेश और श्रीलंका का उदाहरण
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेल ने 2020 के बाद से यात्री किराया नहीं बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों की तुलना में भारत में आज सबसे सस्ता रेल किराया है. केंद्रीय मंत्री ने उदाहरण देते हुए समझाया कि भारत में अभी 350 किलोमीटर का सफर तय करने के लिए ट्रेन का किराया 121 रुपये लगता है, लेकिन इतनी ही दूरी के लिए पाकिस्तान में रेल किराया 436 रुपये है, जबकि बांग्लादेश में ये 323 रुपये और श्रीलंका में 413 रुपये है. उन्होंने आगे कहा कि यूरोपीय देशों में देखें, तो यह भारत से 20 गुना तक ज्यादा है.
रेल मंत्री बोले- सेफ्टी पर फोकस
Railway Minister ने संसद में बोलते हुए कहा कि रेलवे सेफ्टी पर हमारा बहुत फोकस है. इस दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुए कई टेक्निकल चेंजेस इंडियन रेलवे की ओर से किए गए हैं. इनमें लॉन्गर रेल, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, फॉग सेफ्टी डिवाइस और कई बड़े कदम उठाकर भारतीय रेल में लगातार सुधार किए जा रहे हैं.
लगातार रेलवे का हो रहा विस्तार
रेलमंत्री ने आगे रेलवे की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि 12,000 रेल फ्लाईओवर और रेल अंडरब्रिज बनाए गए हैं, जिससे देश को बहुत बड़ा लाभ हुआ है. इसके अलावा 34,000 किलोमीटर रेलवे के ट्रैक बने हैं, जो कि जर्मनी के पूरे रेल नेटवर्क से भी ज्यादा है. 50 हजार किलोमीटर पुराने ट्रैक हटाकर नए ट्रैक बिछाए गए हैं, जिसकी वजह से भी सेफ्टी में बड़ा सुधार हुआ है.
भारत आज रेलवे का बड़ा एक्सपोर्टर
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देश में लोकोमोटिव का प्रोडक्शन, इंजन का प्रोडक्शन 1,400 तक पहुंच गया है. और पूरे अमेरिका और यूरोप को जोड़ दें, तो भारत का लोकोमोटिव प्रोडक्शन उससे भी ज्यादा है. यही नहीं भारत रेलवे का बड़ा एक्सपोर्टर बन गया है. ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच, UK, सऊदी व फ्रांस को कोच और मैक्सिको, स्पेन, जर्मनी, इटली को ऑपरेशन इक्विपमेंट भेजे जा रहे हैं. जल्द ही बिहार का लोकोमोटिव और तमिलनाडु से बने पहिए दुनिया में दौड़ेंगे.