राजस्थान की अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की सरकार राज्य के नागरिकों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही है. ऐसी ही एक योजना है इन्दिरा रसोई योजना (Indira Rasoi Yojana). मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'कोई भी भूखा नहीं सोए' के संकल्प के साथ 20 अगस्त 2020 को राजस्थान के सभी 213 नगरीय निकायों में 358 रसोईयों के माध्यम से इन्दिरा रसोई योजना की शुरुआत की थी. राज्य सरकार ने 2022-23 के बजट में इस योजना का और विस्तार करने का ऐलान किया था.
9 करोड़ से अधिक थाली परोसने का लक्ष्य
सरकार ने 2022-23 में रसोई की संख्या को 358 से बढ़ाकर 1000 करने की घोषणा की थी. सरकार हर साल 250 करोड़ रुपये खर्च कर 9.25 करोड़ भोजन थाली परोसेगी, जिसका लाभा जरूरतमंद लोगों को होगा. इस योजना के जरिए प्रतिदिन 2.30 लाख व्यक्ति और प्रतिवर्ष 9.25 करोड़ लोगों को लभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है. जरूरत को देखते हुए इसे और बढ़ाया भी जा सकता है.
मॉनिटरिंग के तगड़ी व्यवस्था
सरकार ने इन्दिरा रसोई योजना को सही तरीके लागू करने के लिए राज्य/जिला स्तरीय प्रबन्धन व मॉनिटरिंग समिति का गठन किया है. नगरीय निकाय रसोईयों के दिन प्रतिदिन संचालन की नियमित मॉनटरिंग एवं समीक्षा करेंगी. भोजन के वितरण के लिए समय तय किया गया है. सामान्य रूप से दोपहर का भोजन सुबह 8:30 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक एवं रात का भोजन शाम 5:00 बजे से 9:00 बजे तक उपलब्ध कराया जायेगा.
भोजन का मेन्यू
भोजन मेन्यू में मुख्य रूप से प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं आचार शामिल है. राज्य सरकार 17 रुपये प्रति थाली का अनुदान दे रही है. लाभार्थी को 8 रुपये में शुद्ध, ताजा एवं पोष्टिक भोजन कर सकते हैं. इन्दिरा रसोई योजना का संचालन नगरीय विकास एवं आवासन, स्वायत्त शासन विभाग के जरिए किया जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस योजना की वजह से हर रोज जरूरतमदों को भोजन मिल रहा है.
गरीबों का पेट भर रही ये योजना
कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति अपने अपने नजदीकी इन्दिरा रसोई भोजनालय में जाकर इस स्कीम के जरिए भोजन प्राप्त कर सकता है. इन्दिरा रसोई योजना के तहत अनुदान के लिए 50 फीसदी राशि नगर निकायों को देय राज्य वित्त आयोग अनुदान और बची 50 फीसदी मुख्यमंत्री सहायता कोष से या आवश्यकता होने पर अन्य मदों से जारी की जाती है. सीएम अशोक गहलोत की ये योजना जमीन पर असरदार साबित हो रही है और गरीबों का पेट भर रही है.