राजस्थान सरकार इस साल 25 हजार बुजुर्गों को फ्री तीर्थयात्रा कराएगी. इस संबंध में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मौजूदगी में वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योजना के तहत देवस्थान विभाग और रेल मंत्रालय के उपक्रम आई.आर.सी.टी.सी. के बीच समझौता पत्र (एम.ओ.यू) पर हस्ताक्षर हुए.
इस धार्मिक यात्रा का पूरा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी. करार के अनुसार यात्रा 5 से 8 दिन की रखी गई है. फिलहाल जगन्नाथपुरी (उडीसा), रामेश्वरम (तमिलनाडू), वैष्णोदेवी (जम्मू एवं कश्मीर), तिरुपति (आन्ध्र प्रदेश), गया-काशी (बिहार-उत्तर प्रदेश), अमृतसर (पंजाब), सम्मेद शिखर (झारखण्ड), गोवा (महाराष्ट्र), द्वारिकापुरी (गुजरात), बिहार शरीफ (बिहार), शिरडी (महाराष्ट्र) के तीर्थ स्थानों को शामिल किया गया है. यात्रा के दौरान देवस्थान विभाग द्वारा 25 व्यक्तियों के समूह पर एक सहायक और चिकित्सक भी देखभाल के लिए साथ भेजे जायेंगे.
रेल विभाग द्वारा 18 डिब्बों की एक ट्रेन सुलभ करवाई जायेगी जिसमें यात्रियों के लिए पानी, चाय, नाश्ता, भोजन की व्यवस्था होगी. तीर्थ स्थल पर सड़क मार्ग से जाने की व्यवस्था भी रेल विभाग करेगा. सभी तीर्थ यात्रियों का बीमा भी कराया जायेगा.
इस अनुबंध पर राज्य सरकार की ओर से देवस्थान विभाग के प्रमुख शासन सचिव तपेश पंवार और आई.आर.सी.टी.सी.जयपुर के चीफ रीजनल मैनेजर डां. रोहिताश्व ने हस्ताक्षर किये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष बजट में इसकी घोषणा की थी और अब यह समझौता किया गया है. उन्होंने रेल विभाग से कहा कि बुजुर्ग लोगों के लिए यात्रा के पुख्ता प्रबन्ध करें जिससे उनकी तीर्थ यात्रा आरामदेह हो और वे यात्रा के बाद खुशी महसूस करें. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एवं रेलवे आपसी सहयोग व समन्वय से तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं को आरामदायी बनाये.
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर विशेष ध्यान दे रही है. तीर्थ यात्राओं के अलावा तीर्थ यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशालाएं भी खोली जा रही है. जिला एवं तहसील मुख्यालयों पर वृद्धाश्रम खोले जायेंगे, जिनके संचालन के लिए राज्य सरकार दो हजार रुपये प्रतिमाह प्रति आवासी की दर से सहायता उपलब्ध करायेगी. उन्होंने बताया कि पेंशन योजना के अन्तर्गत 25 लाख लोगों की पेंशन स्वीकृति जारी की जा चुकी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बजट में घोषित तमाम योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कर रही है.