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RBI Monetary Policy: घटेगी लोन की EMI या बढ़ेगा बोझ... बस 1 घंटे का इंतजार फिर होगा बड़ा ऐलान

RBI MPC Results On Repo Rate: बुधवार को शुरू हुई आरबीआई की एमपीसी बैठक के नतीजे कुछ देर में आने वाले हैं. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास इनकी घोषणा करेंगे. आम लोगों के साथ ही शेयर बाजार की निगाहें भी इन फैसलों पर टिकी हुई हैं.

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आज आएंगे आरबीआई एमपीसी बैठक के नतीजे
आज आएंगे आरबीआई एमपीसी बैठक के नतीजे

आपके लोन की ईएमआई (Loan EMI) कम होगी या फिर बोझ बढ़ने वाला है, कुछ ही देर बाद भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी की बैठक के नतीजों का ऐलान होने पर पता चल जाएगा. दरअसल, बुधवार को मुंबई में शुरू हुई RBI की  बैठक के रेपो रेट (Repo Rate) को लेकर हुई चर्चा के परिणाम आज सुबह 10 बजे आने वाले हैं, रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताएंगे. आम लोगों के साथ ही शेयर बाजार (Stock Market) की नजर केंद्रीय बैंक के फैसले पर रहेगी और इसका असर देखने को मिल सकता है. 

फरवरी 2023 में हुआ था रेपो रेट में बदलाव
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हालांकि एकस्पर्ट्स ये अनुमान लगा रहे हैं कि इस बार भी नीतिगत दरें (Repo Rate) बिना किसी बदलाव के यथावत रह सकते हैं. यानी रेट में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं है. नए वित्तीय वर्ष की ये दूसरी MPC Meeting है और फिलहाल रेपो रेट 6.50 फीसदी पर स्थिर है. रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेटो रेट बदला था और इसे 25 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था. इसके बाद से इसे चेंज नहीं किया गया है. 

Repo Rate का EMI पर असर
RBI की MPC की बैठक हर दो महीने में होती है और इसमें शामिल रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास समेत छह सदस्य महंगाई समेत अन्य मुद्दों और बदलावों (Rule Changes) पर चर्चा करते हैं. यहां बता दें कि रेपो रेट का सीधा कनेक्शन बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों से होता है. इसके कम होने से लोन की ईएमआई घट जाती है और इसमें इजाफा होने से ये बढ़ जाती है. दरअसल, रेपो रेट (Repo Rate) वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है. रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा इंफ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है.

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महंगाई के आंकड़ों पर एक नजर
मई महीने की र‍िटेल महंगाई दर (May Inflation Rate) के आंकड़े इस महीने के आखिरी में जारी किए जाएंगे. SBI रिसर्च के मुताबिक, अक्टूबर से वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक महंगाई दर 5 फीसदी से नीचे रहने की उम्मीद जताई जा रही है. इससे पहले अप्रैल महीने में थोक महंगाई बढ़कर 1.26% हो गई है, जो इसका 13 महीने का हाई लेवल है.  इसके अलावा अप्रैल में रिटेल महंगाई 4.83 फीसदी रही थी.

पिछले वित्त वर्ष रेपो रेट 6 बार बदला
नए वित्तीय वर्ष में ये दूसरी एमपीसी की बैठक है और पहली बैठक में भी रेपो रेट को स्थिर रखा गया था. हालांकि, पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में Repo Rate में छह बार बढ़ोतरी देखने को मिली थी. उस समय RBI ने महंगाई को काबू में लगाने के लिए 4 फीसदी पर स्थिर रेपो रेट में कई बार इजाफा करते हुए 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी और ये फरवरी 2023 में 6.50 फीसदी कर दिया गया था. 

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