भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक (MPC Meeting) में लिए गए फैसलों का ऐलान बस कुछ ही देर में होने वाला है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) सुबह 10 बजे इसके बारे में जानकारी शेयर करेंगे. ये तीन दिवसीय बैठक बीते 4 अक्टूबर को शुरू हुई थी. बैठक में केंद्रीय बैंक के तय दायरे से ऊपर बनी महंगाई दर (Inflation Rate), जीडीपी ग्रोथ और कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों समेत अन्य कई मुद्दों पर मंथन किया गया है. हालांकि, इस बार भी एक्सपर्ट्स रेपो रेट (Repo Rate) स्थिर रहने की उम्मीद जता रहे हैं.
रेपो रेट में इजाफे की उम्मीद कम
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) की अध्यक्षता में हुई इस बैठक पर लोन लेने वालों की सबसे ज्यादा नजर होती है. दरअसल, इसमें रेपो रेट को लेकर निर्णय लिया जाता है, जो सीधा उनके Loan पर असर डालता है. अगर आरबीआई रेपो रेट में इजाफा करता है, तो फिर Loan EMI भी बढ़ जाती है और पॉलिसी रेट घटने पर ये कम हो जाती है. केंद्रीय बैंक महंगाई (Inflation) को काबू में करने के लिए रेपो रेट मं बदलाव करती है. हालांकि, इस बार क्या फैसला लिया जाता है ये तो कुछ देर बाद ही सामने आएगा.
तय दायरे के ऊपर महंगाई न बिगाड़े खेल
देश में महंगाई दर फिलहाल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के तय किए गए दायरे से बाहर बनी हुई है. भले ही इसमें जुलाई 2023 की तुलना में अगस्त महीने में गिरावट देखने को मिली थी. गौरतलब है कि जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर (CPI) 7.44 फीसदी के स्तर पर थी, जो कि अगस्त महीने में घटकर 6.83 फीसदी पर आ गई थी.
आरबीआई के दायरे (RBI Tolerance Band) की बात करें तो केंद्रीय बैंक ने देश में महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य तय किया है. जुलाई के मुकाबले अगस्त महीने में रिटेल महंगाई कम होने में सबसे बड़ा हाथ खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर (Food Inflation Rate) में आई गिरावट का रहा था. ये 10 फीसदी के नीचे 9.94 फीसदी पर आ गई है, जो जुलाई में 11.51 फीसदी रही थी.
देश में अभी इतना है रेपो रेट
Repo Rate फिलहाल, 6.50 फीसदी है और एक्सपर्ट जो उम्मीद जाहिर कर रहे हैं उसके मुताबिक इस बार भी रेपो रेट में इजाफा होने की संभावना कम ही नजर आ रही है. यानी आरबीआई लगातार चौथी बार रेपो रेट को स्थिर रख सकता है. बीते साल केंद्रीय बैंक ने चरम पर पहुंची महंगाई दर को काबू में करने के लिए एक के बाद कई बार इस दर में बढ़ोतरी की थी. मई 2022 में Repo Rate 4 फीसदी पर था, जो फरवरी 2023 आते-आते 6.50 फीसदी पर पहुंच गया था. हालांकि, इसके बाद से ये यथावत रखा गया है.
हर 2 महीने में होती है MPC बैठक
बता दें कि आरबीआई की एमपीसी की बैठक हर 2 महीने में होती है और 3 दिन तक चलती है. एमपीसी की बैठक में महंगाई और GDP Growth के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में हो रहे इजाफे को लेकर भी गहन विचार विमर्श किया गया है. कच्चे तेल की कीमतें 10 महीनों के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं. वहीं अमेरिका में आने वाले समय में पॉलिसी रेट को लेकर फेड रिजर्व के सख्त रुख को लेकर भी मंथन होगा.