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आपके नाम-पते का Ola, Uber और Rapido क्या करता है? जानकर लगेगा झटका

स्टडी में पता चला है कि ग्रैबटैक्सी (Grabtaxi), यांडेक्स गो (Yandex Go) और उबर सबसे ज्यादा डेटा कलेक्ट करती हैं. भारतीय कंपनी ओला भी इसमें पीछे नहीं है और डेटा जमा करने के मामले में छठे स्थान पर है.

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डेटा कलेक्ट करते हैं ऐप
डेटा कलेक्ट करते हैं ऐप
स्टोरी हाइलाइट्स
  • डेटा परमिशन देकर रिस्क बढ़ा लेते हैं लोग
  • आरामतलबी की आदत में ऐप को देते हैं परमिशन
  • थर्ड पार्टी के पास पहुंच जाती है पर्सनल जानकारियां

अगर आप भी ओला (Ola), उबर (Uber) या रैपिडो (Rapido) यूज करते हैं, तो आपको सावधान होने की जरूरत है. ये कंपनियां ऐप के जरिए नाम और पता सहित आपकी कई जानकारियां अपने पास जमा करती हैं. यूजर को बताया जाता है कि ये जानकारियां सर्विस को बेहतर बनाने के लिए हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल यहीं नहीं रुकता. लोगों की ये पर्सनल जानकारियां (Personal Information) थर्ड पार्टीज को बेच दी जाती हैं, जो ऐड के लिए डेटा का इस्तेमाल करती हैं.

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सबसे ज्यादा डेटा कलेक्ट करते हैं ये 3 ऐप

साइबर सिक्योरिटी कंपनी Surfshark की एक स्टडी में ये बात सामने आई है. स्टडी में पता चला है कि ग्रैबटैक्सी (Grabtaxi), यांडेक्स गो (Yandex Go) और उबर सबसे ज्यादा डेटा कलेक्ट करती हैं. भारतीय कंपनी ओला भी इसमें पीछे नहीं है और डेटा जमा करने के मामले में छठे स्थान पर है. इस मामले में रैपिडो की स्थिति तुलनात्मक तौर पर ठीक है. रैपिडो भी अपने ऐप से यूजर की जानकारियां कलेक्ट करती हैं, लेकिन यह ग्रैबटैक्सी की तुलना में 10 गुना कम है.

ऐड देने वाली कंपनियों को बेचा जाता है डेटा

स्टडी में सबसे हैरान करने वाली बात इन जानकारियों के इस्तेमाल को लेकर है. Surfshark के सीईओ Vytautas Kaziukonis ने बताया कि इस स्टडी में जिन 30 राइड हेलिंग ऐप्स (Ride Hailing Apps) को शामिल किया गया, उनमें से 9 कंपनियां यूजरों की जानकारियों को थर्ड पार्टी एडवर्टाइजिंग (Third Party Advertising) में यूज करती हैं. इन जानकारियों में यूजर का नाम (Name), पता (Address), मोबाइल नंबर (Mobile Number), ईमेल (Email) आदि शामिल हैं. उबर और लिफ्ट (Lyft) जैसे कुछ ऐप तो नस्ल (Race), जाति (Ethnicity), सेक्सुअल झुकाव (Sexual Orientation), प्रेगनेंसी (Pregnancy), चाइल्डबर्थ इंफॉर्मेशन (Childbirth Info), बायोमीट्रिक डेटा (Biometric Data) जैसी संवेदनशील जानकारियां भी कलेक्ट करते हैं.

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रैपिडो और ये कंपनियां इस मामले में बेहतर

स्टडी के अनुसार, टैक्सीईयू (TaxiEU) सबसे कम डेटा कलेक्ट करने वाली राइड हेलिंग कंपनी है, जबकि भारतीय कंपनी रैपिडो इस मामले में दूसरे स्थान पर है. ये कंपनियां ऐप के क्रैश होने, परफॉर्मेंस, यूजेज जैसे डेटा ही कलेक्ट करते हैं. तीसरे नंबर की कंपनी लीकैब (LeCab) इनके अलावा एड्रेस, लोकेशन और ईमेल आईडी जैसी जानकारियां स्टोर करती है. कुछ कंपनियां तो इस बात पर भी नजर रखती हैं कि आप किन वेबसाइट पर विजिट करते हैं और कैसे पेमेंट करते हैं.

परमिशन देकर ये रिस्क बढ़ा लेते हैं यूजर

Kaziukonis ने कहा कि लोग आरामतलबी के चलते आसानी से अपना पर्सनल डेटा ऐप्स को कलेक्ट करने देते हैं. हालांकि ऐसा करने का बहुत नुकसान है. ऐप्स को संवेदनशील डेटा कलेक्ट करने का परमिशन देकर यूजर रिस्क बढ़ा लेते हैं. इस कारण वे जहां कहीं भी जाते हैं, डिजिटल फुटप्रिंट (Digital Footprint) छोड़ आते हैं. सर्विस के बदले उनके पर्सनल डिटेल्स, फिजिकल एड्रेस तक थर्ड पार्टी के पास पहुंच जाते हैं. यहां तक कि वे किन लिंक्स पर क्लिक कर रहे हैं, ये भी ऐप को पता चलता रहता है.

 

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