दीपक एक बड़ी कंपनी में जॉब करता है. नए साल आते ही आयकर (Income Tax) को लेकर परेशान है. पिछले साल दीपक की सैलरी भी थोड़ी बढ़ी है, जिससे सालाना पैकेज (Cost to Company-CTC) बढ़कर 10 लाख रुपये हो गया है. दीपक का कहना है कि पिछले साल तो किसी तरह से आयकर छूट का लाभ मिल गया था. लेकिन अब इस साल 31 मार्च से पहले ऐसा क्या करें, जिससे इनकम टैक्स नहीं देना पड़े, और फिर आयकर छूट का लाभ मिल जाए.
दीपक जैसे लाखों लोगों की यही समस्या है. उन्हें पता नहीं है कि कैसे टैक्स छूट का लाभ उठाया जाए. खासकर नौकरी-पेशा लोग टैक्स (Tax) बचाने के लिए जोड़-तोड़ में जुटे हैं. आज हम आपको बताने वाले हैं कि अगर आपकी सालाना सैलरी यानी (CTC) 10 लाख रुपये है तो भी आपको एक रुपया टैक्स नहीं भरना पड़ेगा. सरकार द्वारा निर्धारित टैक्स छूट का लाभ उठाते हुए आप 10 लाख रुपये तक की आय के बावजूद आयकर मुक्त हो सकते हैं.
आइए जानते हैं अभी क्या है आयकर छूट की सीमा:-
आयकर नियम (Income Tax Rule) के मुताबिक सालाना 2.5 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होता है. 2.5-5 लाख रुपये की आमदनी पर 5% टैक्स का प्रावधान है. जबकि 5-10 लाख रुपये की सालाना आय पर 20% टैक्स वसूला जाता है. वहीं 10 लाख और उससे अधिक की सालाना कमाई पर 30% टैक्स स्लैब (Tax Slab) है.
इन स्लैब के मुताबिक दीपक की सालाना सैलरी 10 लाख रुपये है और इस तरह से वो 20 फीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में आते हैं. लेकिन दीपक चाहे तो उन्हें एक रुपया भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा. क्योंकि वो निवेश (Invest) और आयकर छूट का लाभ उठाकर टैक्स की पूरी रकम को बचा सकते हैं. .
10 लाख रुपये की आय पर कैसे एक रुपये नहीं देना पड़ेगा टैक्स:-
आइए जानते हैं 10 लाख की सैलरी के बावजूद दीपक को कैसे एक रुपये भी टैक्स नहीं चुकाना होगा. अगर आपकी भी सैलरी इसके आसपास है तो आप भी इस फॉर्मूले के तहत टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं,
1. स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) के रूप में 50,000 रुपये तक का छूट मिलता है. इसे सबसे पहले अपनी कमाई में घटा दें. (10,00,000-50,000= 9,50,000 रुपये), यानी अब 9.50 लाख रुपये टैक्स के दायरे में आता है.
2. आप 80C के तहत 1.5 लाख रुपये बचा सकते हैं. इसके लिए EPF, PPF, ELSS, NSC में निवेश करना होता है. इसके अलावा आप दो बच्चों के ट्यूशन फीस के रूप में 1.5 लाख रुपये तक की रकम पर आयकर (Income Tax) छूट का लाभ उठा सकते हैं. अब आप डेढ़ लाख रुपये की आमदनी को भी घटा दें. (9,50,000- 1,50,000= 8,00,000 रुपये), अब टैक्स के दायरे में साढ़े 8 लाख रुपये आता है.
3. अगर आप अलग से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में सालाना 50,000 रुपये तक निवेश करते हैं, तो सेक्शन 80CCD (1B) के तहत आपको अतिरिक्त 50 हजार रुपये Income Tax बचाने में मदद मिलती है. अब इस रकम को भी कुल आय में घटा दें. (8,00,000-50,000 = 7,50,000 रुपये), अब आपकी 7.5 लाख कमाई टैक्स के दायरे में आता है.
4. होम लोन (Home Loan) वाले अतिरिक्त 2 लाख रुपये बचा सकते हैं. अगर आपने होम लोन ले रखा है तो फिर इनकम टैक्स के सेक्शन 24B के तहत 2 लाख के ब्याज पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं. इसे भी आप सालाना आय में माइनस कर दें. (7,50,000-2,00,000 = 5,50,000 रुपये), अब केवल 5.50 लाख रुपये टैक्स में दायरे में आता है.
5. इनकम टैक्स के सेक्शन 80D के तहत मेडिकल पॉलिसी लेकर आप 25 हजार रुपये तक टैक्स बचा सकते हैं. इस हेल्थ इंश्योरेंस में आपका, आपकी पत्नी और बच्चों का नाम होना चाहिए. आप प्रिवेंटिव हेल्थकेयर चेक-अप की कॉस्ट सहित हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए 25,000 रुपये तक डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. इसके अलावा अगर आपके माता-पिता सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) हैं तो फिर उनके नाम पर हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) खरीदकर 50,000 रुपये तक का अतिरिक्त डिडक्शन पा सकते हैं. (5,50,000- 75,000= 4,75,000 रुपये), यानी अब टैक्स देनदारी के दायरे में 4,75,000 रुपये की आमदनी आती है. आप इंश्योरेंस प्रीमियम के तौर पर केवल 50 हजार रुपये का भी लाभ लेते हैं तो भी आपकी आय 5 लाख रुपये के टैक्स स्लैब में आ जाता है.
6. आयकर नियम साफ कहता है कि 5 लाख रुपये की कमाई पर टैक्स 12,500 रुपये (2.5 लाख का 5%) बनता है. ऐसे में आयकर सेक्शन 87A के तहत 12500 रुपये का रिबेट मिलता है. यानी अब आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. 5 लाख वाले स्लैब में शून्य टैक्स का भुगतान करना होगा. (5,00,000 (आय)- 5,00,000 (कुल टैक्स डिडक्शन)= 0 (टैक्स). इस तरह से दीपक 10 लाख की आय पर एक रुपया भी टैक्स नहीं भरेगा.