
सैलरीड क्लास (Salaried Class) के साथ सबसे बड़ी समस्या ये होती है, जब उन्हें कभी मोटी रकम की जरूरत पड़ती है, तो फिर किसी रिश्तेदार से उधार या फिर बैंक (Bank) से पर्सनल लोन (Personal Loan) लेना पड़ता है. क्योंकि वे महीने भर सैलरी (Salary) का इंतजार करते हैं, और फिर अकाउंट में क्रेडिट होते ही चंद दिनों में सब खर्च.
अगर आपसे कहा जाए कि जितनी आपकी सैलरी है, उतनी अलग से कमाई हो सकती है. या फिर ये कहा जाए कि आप सैलरी को हाथ नहीं लगाएंगे, क्योंकि हर महीने सैलरी के बराबर दूसरे रास्ते से आमदनी कर सकते हैं. आप कहेंगे कि ये कैसे संभव हो सकता है? इसके पीछे एक गणित काम करता है. अगर आप प्राइवेट जॉब करते हैं तो फिर इस गणित को समझना आपके लिए बेहद जरूरी है.
30 हजार कमाने वाले के लिए ये फॉर्मूला...
उदाहरण के लिए आपकी सैलरी जितनी भी है, उसके बराबर आप अलग से आमदनी कर सकते हैं. अब सीधे फॉर्मूले पर लौटते हैं. अगर आपकी सैलरी 30 हजार रुपये महीने है, और आप चाहते हैं कि आपको हर महीने अलग 30 हजार रुपये की आमदनी हो. इसके सबसे पहले अपनी सैलरी में 30 फीसदी राशि को हर हाल में निवेश करना होगा.
यानी 30 हजार रुपये महीने कमाने वाले को 30 फीसदी वेतन बचाना होगा. जो 9000 रुपये महीने बैठता है. अब इस पैसे को म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये लगाया जा सकता है, जहां बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद रहती है. SIP कैलकुलेटर के मुताबकि अगर कोई निवेशक हर महीने 9000 रुपये SIP करता है तो 10 साल में 15 फीसदी रिटर्न के हिसाब से करीब 25,07,915 रुपये मिलेगा.
इसे अब और आसान तरीके से समझते हैं... हर महीने SIP में 9000 रुपये लगाने पर 5 साल के बाद ये राशि करीब 8 लाख रुपये की जाएगी. निवेशक इसी तरह अगले तीन साल तक और पैसे जमा करते रहे तो फिर 8 साल बाद के जमापूंजी बढ़कर 16.73 लाख रुपये हो जाएगी. और 10 में राशि 25 लाख से ज्यादा की जाएगी.
सैलरी बढ़ने के साथ निवेश को बढ़ाएं...
ये तो केवल शुरुआती सैलरी के हिसाब से अनुमान लगाया है. अधिकतर लोगों की सैलरी 7 से 8 साल में दोगुनी हो जाती है. अगर सैलरी में सालाना 10 फीसदी का इजाफा होता है तो 30 हजार रुपये महीने कमाने वाले की 8 साल में ही सैलरी 60 हजार रुपये से ज्यादा हो जाएगी. अगर निवेशक सैलरी बढ़ने के साथ-साथ निवेश की राशि को भी बढ़ाता है तो 10वें साल में निवेशक की सैलरी से 18000 रुपये महीने की बचत होने लगेगी. अब आप समझ सकते हैं कि हर महीने 30 फीसदी सैलरी बचाकर आप 10 साल में कितनी बड़ी राशि जमा सकते हैं.
बता दें, हमेशा से निवेशक के लिए मूलधन से ज्यादा प्यारा ब्याज होता है. लेकिन ब्याज तभी मिलेगा जब आप निवेश करेंगे. नौकरी-पेशा लोगों की कमाई धीरे-धीरे बढ़ती है. इसलिए आज के दौर में SIP एक बेहतरीन विकल्प है, जिसके माध्यम से लंबी अवधि में छोटे-छोटे निवेश से बड़ा फंड बना सकते हैं.
जब आप 10 साल तक अपनी सैलरी का 30 फीसदी हिस्सा निवेश करते हैं तो 10 साल के बाद कम से कम 25 लाख रुपये आपके पास होगा. यही नहीं, इस दौरान सैलरी में बढ़ोतरी से बची राशि को दूसरी जगहों पर निवेश कर सकते हैं. जैसे शेयर बाजार, PPF, गोल्ड बॉन्ड, रियल एस्टेट और शॉर्ट टर्म फंड में. इन जगहों से मिले रिटर्न का 10 साल के बाद जब आप काउंट करेंगे, तो पाएंगे कि जितनी आपकी सैलरी है, उतनी ही कमाई निवेश के जरिये से भी हो रही है.
आमदनी और खर्च के बीच तालमेल जरूरी
हालांकि हर महीने 30 फीसदी सैलरी को बचाकर निवेश करना थोड़ा मुश्किल काम है. लेकिन जब आप आमदनी और खर्च के बीच तालमेल बिठा लेंगे तो फिर किसी तरह की दिक्कतें नहीं होंगी. शुरुआत में सैलरी से 30 फीसदी राशि बचाने के लिए सबसे पहले फिजूलखर्ची पर लगाम जरूरी है. ये कैसे संभव होगा?
एक अनुमान के मुताबिक सैलरीड क्लास हर महीने अपनी आमदनी का 10 फीसदी हिस्सा फिजूलखर्च कर देता है, जिसे आप आसानी से बचा सकते हैं. इसके अलावा अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड (Credit Card) है तो उसे इस्तेमाल से बचें. घूमना, बाहर खाना, महंगे गैजेट्स खरीदना थोड़ा कम कर दें. इसके अलावा ऑफर के चक्कर में उन चीजों को मत खरीदें, जो आपकी जरूरत की नहीं हो. इस तरह से आप हर महीने 30 फीसदी सैलरी को बचा सकते हैं.
नोट: शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)