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देश के सबसे बड़े बैंक ने दिया झटका, SBI से लोन लेना हुआ महंगा... फटाफट चेक करें कितनी बढ़ी ईएमआई?

SBI Hikes MCLR: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से कर्ज लेना महंगा हो गया है. आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के बाद अब एसबीआई ने अपने कर्ज की दरों 10 बेसिस प्वाइंट्स या 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. नई दरें 15 फरवरी 2023 से लागू हो गई हैं.

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एसबीआई से लोन लेना हुआ महंगा
एसबीआई से लोन लेना हुआ महंगा

एसबीआई (SBI) ने अपने ग्राहकों को झटका दिया है. बैंक ने अपने कर्ज की दर या मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में बढ़ोतरी कर दी है. इसके बाद एसबीआई से लोन लेना महंगा होगा और ईएमआई (Loan EMI) पर ज्यादा पैसा खर्च करना होगा. भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट में इजाफा  (RBI Repo Rate Hike) करने के बाद लोन महंगा करने वाले बैंकों की लिस्ट में अब देश के सबसे बड़े बैंक की भी एंट्री हो गई है.

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RBI ने बीते दिनों बढ़ाया था रेपो रेट 

बीते साल 2022 में उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई (Inflation) को काबू में करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक के बाद एक लगातार पांच बार नीतिगत दरों (Repo Rate) में बढ़ोतरी की थी. आरबीआई के इन सख्त कदमों से भले ही लोगों पर बोझ बढ़ा हो, लेकिन महंगाई दर तय दायरे में आ गई. हालांकि, महंगाई काबू में आने के बाद रिजर्व बैंक ने रुख नहीं बदला और इस साल की पहली MPC Meet में एक बार फिर रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान कर दिया.

इस बार रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स या 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई और इसके साथ ही रेपो रेट बढ़कर 6.50 फीसदी हो गया. हर बार की तरह रेपो रेट बढ़ने के बाद तमाम बैंकों द्वारा कर्ज की दरें बढ़ाने की जो आशंका थी, उसके अनुरूप देखने को भी मिल रहा है. 

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MCLR में 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा

RBI Repo Rate Hike के बाद कई बैंकों ने अपना कर्ज महंगा कर दिया. अब इस लिस्ट में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का नाम भी जुड़ गया है. एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, SBI ने एमसीएलआर में 10 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की है. इस फैसले के बाद होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन या पर्सनल लोन समेत सभी तरह के कर्ज महंगे हो गए हैं और ईएमआई (EMI) बढ़ गई है. यहां बता दें कर्ज की बदली हुई दरें बुधवार 15 फरवरी 2023 से लागू हो गई हैं. ताजा बढ़ोतरी के बाद एसबीआई की लोन दरों में जो चेंज आया है, उसके मुताबिक एक दिन के लोन के लिए एमएलसीआर 7.85 फीसदी से बढ़कर 7.95 फीसदी हो गया है. 

बदलाव के बाद नई दरें इस प्रकार

SBI ने एक महीने के लोन के लिए MCLR 8.00 फीसदी से बढ़ाकर 8.10 फीसदी, 3 महीने के लिए 8.10 फीसदी, 6 महीने के लिए 8.30 फीसदी की जगह 8.40 फीसदी कर दिया है. वहीं एक साल के लिए कर्ज की दर 8.40 फीसदी से बढ़ाकर 8.50 फीसदी हो गया है. ज्यादातर लोन इसी एक साल की एमसीएलआर से जुड़े होते हैं. नई दरों के मुताबिक, बैंक ने दो साल का एमएलसीआर 8.50 फीसदी से बढ़कर 8.60 फीसदी कर दिया गया है, जबकि तीन साल के लिए इसे 8.60 से बढ़कर 8.70 फीसदी करने का फैसला लिया गया है. 

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इन बैंकों ने भी कर्ज किया महंगा

अपना लोन महंगा करने वाले बैंकों की लिस्ट में एसबीआई अकेला नहीं है, बल्कि इससे पहले आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के तुरंत बाद कई बैंकों ने MCLR में इजाफा किया था. पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) ने 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की करते हुए इसे 9 फीसदी से बढ़कर 9.25 फीसदी कर दिया है. इसकी दरें 9 फरवरी 2023 से लागू हैं. इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) ने 12 फरवरी से एमसीएलआर में 5 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने कर्ज की दरों में बीते 13 फरवरी को बढ़ोतरी की थी. वहीं HDFC ने एमसीएलआर में 0.10 फीसदी वृद्धि करते हुए 7 फरवरी से नई दरें लागू की हुई हैं. 

एमसीएलआर बढ़ने पर ऐसे बढ़ती है EMI

मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट्स या एमसीएलआर दरअसल, RBI द्वारा लागू किया गया एक बेंचमार्क होता है, जिसके आधार पर तमाम बैंक लोन के लिए अपनी ब्याज दरें तय करते हैं. जबकि Repo Rate वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है.

रेपो रेट के कम होने से बैंको को कर्ज सस्ता मिलता है और वे एमसीएलआर में कटौती कर लोन की EMI घटा देते हैं. वहीं जब रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो बैंकों को कर्ज आरबीआई से महंगा मिलता है, जिसके चलते उन्हें एमसीएलआर में बढ़ोतरी का फैसला लेना पड़ता है और ग्राहक का बोझ बढ़ जाता है. 

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