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SBI ने नए साल से पहले दिया झटका, इन ग्राहकों की बढ़ी EMI

SBI Interest Rate: 15 दिसंबर से बेस रेट (Base Rate) को 10 बेसिस प्वाइंट (Basis Point) बढ़ा दिया गया है. बेस रेट को 10 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने का मतलब हुआ कि अब एसबीआई के जो लोन प्रॉडक्ट बेस रेट से लिंक्ड है, उनका ब्याज 0.10 फीसदी अधिक हो जाएगा.

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एसबीआई ने बढ़ाया बेस रेट
एसबीआई ने बढ़ाया बेस रेट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एसबीआई के ग्राहकों की बढ़ गई ईएमआई
  • दो करोड़ से ऊपर की एफडी पर भी बढ़ा ब्याज

सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) ने अपने ग्राहकों को नए साल से पहले बड़ा झटका दे दिया है. सरकारी बैंक ने बेस रेट (Base Rate) को बढ़ा दिया है. इससे एसबीआई के कई कर्जधारकों को अब ज्यादा ब्याज भरना पड़ेगा. दूसरी ओर बैंक ने कुछ एफडी (FD) पर ब्याज (Interest Rate) बढ़ाया है, लेकिन इसका फायदा चुनिंदा लोग ही उठा पाएंगे.

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अब इतना हो गया है एसबीआई का बेस रेट

एसबीआई ने आधिकारिक वेबसाइट पर बताया है कि 15 दिसंबर से बेस रेट (Base Rate) को 10 बेसिस प्वाइंट (Basis Point) बढ़ा दिया गया है. बेस रेट को 10 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने का मतलब हुआ कि अब एसबीआई के जो लोन प्रॉडक्ट बेस रेट से लिंक्ड है, उनका ब्याज 0.10 फीसदी अधिक हो जाएगा. इससे पहले एसबीआई ने सितंबर में बेस रेट को 5 बेसिस प्वाइंट घटाकर 7.45 फीसदी कर दिया था. ताजा बदलाव के बाद बेस रेट 7.55 फीसदी हो गया है.

इन ग्राहकों को होगा नुकसान

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के इस फैसले से उन ग्राहकों को नुकसान होगा, जिन्होंने इस सरकारी बैंक से जनवरी 2019 से पहले कोई लोन लिया है. एसबीआई ने जनवरी 2019 के बाद से रेपो रेट (Repo Rate) से लिंक्ड एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) को अपना लिया है. ईबीएलआर में अभी कोई बदलाव नहीं हुआ है. अत: जनवरी 2019 के बाद एसबीआई से लोन लेने वाले ग्राहकों पर नए बदलाव का कोई असर नहीं होने वाला है.

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दो करोड़ से अधिक की एफडी पर भी बढ़ा ब्याज

इसके अलावा एसबीआई ने दो करोड़ से ऊपर की एफडी (Fixed Deposit) पर भी ब्याज बढ़ाने का फैसला लिया है. ऐसे एफडी पर अब ग्राहक पहले से ज्यादा ब्याज पा सकेंगे. यह बदलाव भी 15 दिसंबर से प्रभावी हो गया है. दो करोड़ या इससे कम की एफडी पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

20 साल के निचले स्तर पर है ब्याज दर

उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक (RBI) ने दिसंबर महीने की एमपीसी की बैठक में मुख्य दरों को पुराने स्तर पर बनाए रखने का निर्णय लिया था. अभी रेपो रेट (Repo Rate) 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) 3.35 फीसदी पर है. यह अप्रैल 2001 के बाद से ब्याज दर (Interest Rate) का सबसे निचला स्तर है. हालांकि बेकाबू होती महंगाई के चलते आरबीआई को जल्दी ही रेट बढ़ाने की राह पर लौटना पड़ सकता है.

 

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